उज्जैन। लंबे समय से सिंहस्थ क्षेत्र अतिक्रमण की चपेट में है और 12 साल में सिंहस्थ का आयोजन होता तब तक शहर से दूर सिंहस्थ करना पड़ता है। ऐसे में एक निजी कंपनी को सिंहस्थ के 32 स्क्वेयर किलोमीटर के ड्रोन सर्वे का टेंडर दिया गया है जो सोमवार से काम करेगी, इससे एक ही क्लिक में पूरी जानकारी सामने आ जाएगी और अतिक्रमण भी दिख जाएँगे। उज्जैन में सिंहस्थ क्षेत्र का डोन सर्वे होने के बाद अब पटवारियों को तथा रेवेन्यू के अमले को जगह-जगह खाक नहीं छानना पड़ेगी। सिंहस्थ क्षेत्र की रजिस्ट्रियों पर वैसे भी प्रतिबंध लगा हुआ है। कलेक्टर ने इस सबंंध में पिछले दिनों निर्देश दिए थे। सर्वे पर शासन लाखों रुपए खर्च कर रहा है।
सिंहस्थ क्षेत्र का ड्रोन सर्वे सोमवार से शुरू हो जाएगा। इस कार्य के टेंडर हो चुके हैं और संभावना है कि आज संबंधित कंपनी को वर्क आर्डर भी मिल जाएगा। शहर के आसपास के सिंहस्थ क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण होता है। सिंहस्थ के पहले सरकार को अतिक्रमण हटाने की बड़ी कार्रवाई करना पड़ती है और इसमें सरकार का खर्च भी होता है। इसी को देखते हुए नगर निगम अब सिंहस्थ क्षेत्र का ड्रोन सर्वे करवा रहा है। इसके लिए नगर निगम ने टेंडर बुलाए थे। 10 लाख रुपए का टेंडर जारी हुआ था जिसमें किसी एक कंपनी ने साढ़े 6 लाख में उक्त कार्य को करने का टेंडर भरा है। टेंडर की सभी शर्तें पूरी हो चुकी है। संभावना है कि आज संबंधित कंपनी को वर्क आर्डर भी जारी हो जाएगा। आयुक्त अंशुल गुप्ता ने बताया सोमवार से सर्वे शुरू हो जाएगा। 1 महीने में यह कंपनी ड्रोन सर्वे कर डिजिटल में बनाकर नगर निगम को सौंप देगी। इस डिजिटल मैप की सहायता से वर्तमान की स्थिति का पता लग जाएगा और यदि बाद में कोई सा भी अतिक्रमण हुआ तो उसको चिन्हित कर लिया जाएगा और हटा दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सिंहस्थ क्षेत्र में पूर्व में 30 से अधिक कॉलोनियाँ बस गई थी कि इनमें से कईयों के मकान तोड़े गए हैं।
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