नई दिल्ली। देश की सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) (Electric Vehicles (EV)) की कुल संख्या 2030 तक करीब पांच करोड़ (50 million) पहुंच जाएगी। यह ई-वाहन चार्जिंग कंपनियों के लिए बड़ा अवसर होगा। सलाहकार फर्म केपीएमजी (Consulting Firm KPMG) ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत (india) में ई-वाहन (e-vehicles) तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। ये गाड़ियां क्रमिक रूप से मुख्यधारा में शामिल हो रही हैं। यही वजह है कि पिछले वित्त वर्ष में ईवी की बिक्री तीन गुना बढ़ी।
इस समय बिक्री में बढ़ोतरी दोपहिया, तिपहिया और बस सेगमेंट से आ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सड़कों पर मार्च, 2022 तक ई-वाहनों की संख्या 10 लाख के पार पहुंच गई थी। यह संख्या 2030 तक 4.5-5 करोड़ पहुंच सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस समय देशभर में करीब 1,700 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन हैं, जो ईवी वृद्धि का समर्थन करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
हर वाहन श्रेणी में चार्जिंग कारोबार बढ़ने की उम्मीद
चार्जिंग कारोबार में वृद्धि क्षमता पर रिपोर्ट में कहा गया है कि दोपहिया खंड में 2025 तक 15-20 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। इसमें आगे 2030 तक और 50-60 फीसदी तक वृद्धि हो सकती है। निजी यात्री वाहनों के लिए चार्जिंग कारोबार में 2025 तक 8-10 फीसदी और 2030 तक 35-40 फीसदी वृद्धि की उम्मीद है। चार पहिया वाणिज्यिक वाहनों में 2025 तक 15-20 फीसदी और 2030 तक 60-65 फीसदी वृद्धि की उम्मीद है।
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