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    इंदौर में कभी थे 90 अखाड़े, अब बचे 65

  • September 16, 2024

     


    इंदौर। एक समय था जब शहर (Indore) में जिम (gym) के स्थान पर अखाड़ों (akhaadon) और व्यायाम शालाओं (Gymnasiums) में शरीर सौष्ठव (Bodybuilding) , जोर आजमाइश और कुश्ती के दांव-पेंच सिखाए जाते थे, लेकिन जिम कल्चर ने अब बहुत कुछ खत्म कर दिया है।



    अनंत चतुर्दशी के चल समारोह में मिलों की झांकियों के साथ जो सबसे ज्यादा आकर्षण का केन्द्र होते हैं वे होते हैं अखाड़ें। 18वी शताब्दी से अखाड़ों की शुरूआत हुई थी। ढोलक की थाप पर कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन दिखाते हैं तो लोग दांतों तले उंगलियां दबा लेेते हैं। इन कलाकारों में छोटे-छोटे बच्चे भी होते हैं और बच्चियां भीं। इंदौर के कई पुराने इलाकों से ये अखाड़े निकलते हैं। एक समय था जब चारों अखाड़ों का जोर था और बड़ी संख्या में त्यौहारों पर ये निकलते थे। रविदासव्यायामशाला के उस्ताद कमल पाल व अध्यक्ष मिथिलेश कैमरे ने कहा कि हमारा अखाड़ा ही 75 साल पुराना है। इसी तरह हर अखाड़े का अपना अलग-अलग इतिहास है। हमारी कोशिश है कि यह परंपरा विलुप्त न हों, इसके लिए हम युवाओं को लगातार इससे जोड़ रहे हैं। इंदौर के हर हिस्से में पहले 2-4 अखाड़े होते थे और इनकी संख्या 90 से ज्यादा थीं, लेकिन अब 65 अखाड़ें बचे हैं और उनमें से भी कई बंद होने की कगार पर है। अखाड़ों के संचालकों का कहना है कि जिस तरह से प्रशासन झांकियों को सहयोग देता है, अगर उसी तरह इन अखाड़ों को भी सहयोग दिया जाए तो इस प्राचीन कला को जीवित रखा जा सकता है।

    पूरे झांकी मार्ग पर 150 कैमरों से होगी निगरानी
    झांकी मार्गों की सडक़ें दुरुस्त करने के साथ-साथ खतरनाक मकानों को हटाने का काम पूरा होने के बाद कल पूरे मार्ग पर खतरनाक पेड़ों की छंटाई भी की गई थी। अब झांकी मार्गों के दोनों ओर प्रमुख चौराहों पर हेलोजन लगाने का काम तेजी से चल रहा है। इसके अलावा नगर निगम द्वारा 150 कैमरे भी पूरे मार्ग पर लगाए जा रहे हैं, ताकि पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा सके। इसके अलावा आपातकालीन स्थितियों के लिए 40 से ज्यादा जनरेटर भी अलग-अलग चौराहों और प्रमुख स्थानों पर तैनात रखे जाएंगे।

    पिछले एक सप्ताह से नगर निगम का सारा अमला झांकी मार्गों की सडक़ों के पेचवर्क करने से लेकर खतरनाक मकान और बिजली के तारों को विद्युत मंडल की टीमों की मदद से दुरुस्त किया जा रहा था। कल निगम उद्यान विभाग की टीम ने जेलरोड, चिमनबाग, शिवाजी मार्केट रोड और कुछ अन्य स्थानों पर खतरनाक पेड़ों की टहनियां काटी। इसके साथ ही विद्युत यांत्रिकी विभाग ने ही अब तक 5500 से ज्यादा हेलोजन पूरे मार्ग पर लगा दिए हैं, जबकि झोनलों से भी इतने ही हेलोजन अलग-अलग स्थानों पर लगाए जा रहे हैं। निगम और विद्युत मंडल द्वारा पूरे झांकी मार्गों पर 40 से ज्यादा जनरेटर रखे जाएंगे, ताकि बिजली गुल होने की स्थिति में जनरेटर से मदद मिल सके। निगम द्वारा पूरे झांकी मार्गों पर 150 प्रमुख चौराहों और स्थानों पर निगरानी के लिए कैमरे लगाए जा रहे हैं, ताकि सारी स्थिति पर निगाह रखी जा सके। इन सभी कैमरों का कंट्रोल रूम कृष्णपुरा मृगनयनी के समीप बनाया गया है, जहां से निगाह रखी जाएगी।

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