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कोरोना से हुई थी सैकड़ों मौतें..मरने का मुआवजा लेने के लिए अभी तक आए 1182 आवेदन आए

February 03, 2022

  • 740 को भुगतान भी किया सरकार ने

उज्जैन। कोरोना की पहली और दूसरी लहर काफी खतरनाक थी और इसमें कई लोगों के घर उजड़ गए। सरकार ने भले ही 174 लोगों की कोरोना से मौत बताई है लेकिन अनुग्रह राशि के लिए जो आवेदन आ रहे हैं। उस हिसाब से यह आंकड़ा डेढ़ हजार तक भी पहुँच सकता है। कोरोना की दूसरी लहर के करीब 1 साल बाद सरकार ने कोरोना से जिनकी मौत हुई उनके लिए 50 हजार अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। इसके बाद बृहस्पति भवन में जिला स्तर पर अनुग्रह राशि देने के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। इस राशि के लिए आवश्यक शर्त है कि जिस व्यक्ति की मृत्यु कोरोना काल में कोरोना से हुई है, उन्हें सरकार द्वारा 50 हजार रुपए की की राशि दी जाएगी। इसके लिए आवेदन आना शुरू हुए। वैसे सरकार द्वारा उज्जैन में घोषित 174 कोरोना से मौत हुई तो आवेदन 174 ही आना था लेकिन उज्जैन शहर के बाहर इंदौर और अन्य स्थानों पर भी लोग कोरोना का इलाज कराने गए थे और उनकी मौत हुई थी जो अब अनुग्रह राशि के लिए आवेदन कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 जनवरी तक 1182 आवेदन आ चुके हैं, इनमें से 740 को भुगतान भी कर दिया गया है। शेष बचे 442 आवेदनों की स्क्रूटनी और जाँच चल रही है। जाँच के बाद इनको भी राशि दे दी जाएगी।



इस राशि के भुगतान के लिए नियमों में शर्तें बहुत सी डाली गई है, जैसे पति-पत्नी में से किसी एक की मृत्यु होने पर यह राशि मिलेगी और दोनों की मृत्यु होने पर अविवाहित संतान को यह राशि दी जाएगी। ऐसे में विवाद की स्थिति बन रही है। क्योंकि किसी व्यक्ति की मृत्यु यदि 55 से 65 साल में हुई है अविवाहित संतान कैसे रहेगी, ऐसे में सरकार को भुगतान नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा कई मामलों में दो से तीन भाई हैं तो उनका भी विवाद चल रहा है जो सरकार के अधिकारी सुनवाई कर निपटा रहे हैं। योजना के आवेदन लेने वाले कर्मचारियों ने बताया कि शुरुआत में 70 से 80 आवेदन रोज आ रहे थे। अब प्रतिदिन 4 से 5 आवेदन आ रहे हैं और सरकार ने आवेदन की तारीख बढ़ा रखी है। ऐसे में कोरोना अनुग्रह राशि के लिए आवेदन की संख्या डेढ़ हजार तक पहुँच सकती है। मतलब साफ है कि कोरोना से उज्जैन शहर में 1500 के करीब मौत हुई है और कई मामलों में वारिस ही नहीं बचे हैं तो आवेदन कौन करें। उल्लेखनीय है कि प्रशासन द्वारा कोरोना से हुई मौतों को छुपाया गया है, क्योंकि उस दौरान जब कोरोना काल चल रहा था, प्रतिदिन उज्जैन के तीन शमशान पर 100 से अधिक लाशों का अंतिम संस्कार हुआ है। इसके अलावा इंदौर के अरविंदो, देवास के अमलतास और अन्य निजी अस्पतालों में भी कई लोगों की मौत हुई है।

प्रधानमंत्री की बात सुनी भाजपा कार्यकर्ताओं ने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देशभर के पार्टी कार्यकर्ताओं को आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था को लेकर बजट के बारे में बताया जिसे भाजपा कार्यालय लोकशक्ति पर नेताओं और कार्यकर्ताओं ने लाइव सुना। प्रधानमंत्री ने अपनी बात में कहा कि सेवा भाव से हम गरीबों की सेवा में जुटे हैं, उसे देश देख रहा है। सभी कार्यकर्ताओं का दायित्व है कि सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरुक करें। बजट के बारे में लोगों को जागरुक करते हुए इसका लाभ नीचे तक पहुंचे, इसकी चिंता करें। उन्होंने कहा कि मुझे देश की जनता पर भरोसा है, वैसे ही आप सभी कार्यकर्ताओं पर भरोसा है। मैं शान से आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करके आया हू। उन्होंने कोविड काल के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा किये गये सेवा कार्यों का भी उल्लेख किया। इस अवसर पर नगर अध्यक्ष विवेक जोशी, जगदीश अग्रवाल, राजेन्द्र भारती, अशोक प्रजापत, ओम जैन, संजय अग्रवाल, विशाल राजोरिया, मुकेश यादव, जगदीश पांचाल, मोहन जायसवाल, अनिल शिंदे, उमेशसिंह सेंगर, दिलीप परमार, मीडिया प्रभारी दिनेश जाटवा सहित पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे। संचालन विशाल राजोरिया ने किया।

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