वैक्सीन अभियान के कारण तीसरी लहर तूफान नहीं बन पाई
20 दिन 54 मौत मगर ज्यादातर अन्य बीमारियों की वजह से
इंदौर। पिछले 10 दिनों में तीसरी लहर (Third wave) का उफान (boom) बड़ी तेजी से बैठता नजर आ रहा है। प्रशासन (administration) द्वारा जारी किए जा रहे कोरोना (corona) के आंकड़े बता रहे हंै कि तीसरी लहर, पहली औऱ दूसरी लहर (second wave) के मुकाबले ज्यादा खतरनाक (dangerous) साबित नहीं हो पाई। पिछले महीने एक दिन में 3000 से ज्यादा पाजिटिव (positive) मरीजों (patients) के मिलने का आंकड़ा इस माह 10 फरवरी गुरुवार तक 228 तक सिमट गया है। 1 फरवरी को पाजिटिव मरीजों की संख्या 1438 थी तो वहीं कल गुरुवार तक आंकड़ा 228 तक सिमट गया। विशेषज्ञ डाक्टरों के अनुसार वैक्सीन अभियान (vaccine campaign) की सम्पूर्ण सफलता ने तीसरी लहर (Third wave) को तूफान नहीं बनने दिया।
इस मामले में अरबिंदो अस्पताल (Aurobindo Hospital) के डाक्टर रवि डोसी और एमवाय हॉस्पिटल (my Hospital) के डाक्टर सलिल भार्गव का अनुमान सही साबित हुआ कि वसंत पंचमी (Vasant Panchami) तक यह लहर बड़ी तेजी से कमजोर पडऩे लगेगी। इधर 10 दिनों में इसके कारण हुई लगातार 54 मौतों के मामले में डाक्टरो का कहना है कि इक्का-दुक्का मौतों को छोडक़र बाकी मौतें अन्य बीमारियों के कारण हुई हैं। 19 जनवरी को कोरोना से मरने वालों की संख्या 1400 थीं। कल 10 फरवरी तक मरने वाले मरीजों का आंकड़ा 1454 तक जा पहुंचा है। इस पर डाक्टर सलिल भार्गव का कहना है कि यह सही है। जनवरी से लेकर फरवरी की शुरुआत तक कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। मगर हमें इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि यदि लगातार इतनी मौतें संक्रमण के कारण होती तो फिर 10 दिन में पाजिटिव मरीजों की संख्या 1438 से 228 क्यों रह जाती।
वैक्सीन अभियान की सफलता का असर
डाक्टर सलिल भार्गव (Dr. Salil Bhargava) व डाक्टर रवि डोसी (Dr. Ravi Dosi ) के अनुसार इस तीसरी लहर (Third wave) ने जितने कम दिनों में अन्य देशों को प्रभावित किया, यानी इसकी रफ्तार ने जैसा पिक पकड़ा वहां के मुकाबले हमारे यहां इसका 10 प्रतिशत भी पिक नहीं पहुंच पाया। वरना जिन देशों में भी यह तीसरी लहर (Third wave) पहुंची, वहां इस लहर ने तूफान बनने में ज्यादा वक्त नहीं लिया। मगर हमारे शहर में यह लहर तूफान नहीं बन पाई, जबकि यहां एक दिन में जब 3000 से ज्यादा पाजिटिव मरीज मिल रहे थे, उस दौरान कई विशेषज्ञ दावा कर रहे थे कि 10 फरवरी तक 50 हजार से 1 लाख पाजिटिव मिलेंगे। यदि यह लहर हमारे यहां ज्यादा असरकारक नहीं रही तो उसके पीछे मुख्य कारण जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की वैक्सीन अभियान की शत-प्रतिशत सफलता जिम्मेदार है।
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