उज्जैन। कल महाशिवरात्रि पर 12 लाख लोगों के आने की उम्मीद थी लेकिन मात्र 7 लाख लोगों ने ही महाकाल के दर्शन किए..यह संख्या आधी क्यों रह गई तथा महाकाल लोक बनने के बाद पहली बार उम्मीद से कम भीड़ पहुँची है..तो यह माना जाए कि महाकाल मंदिर के बाहर जो अव्यवस्था हो रही है और जो लूट मची हुई है उससे घबराकर बाहर के लोग आना पसंद नहीं कर रहे हैं। बड़े तीर्थ स्थानों पर जहाँ अच्छी सुविधाएँ मिल रही है वहीं उज्जैन में भारी अराजकता है तथा लोक परिवहन वाले वाहन, होटल वाले, पूजा कराने वाले सभी जेब काटने में लगे हुए हैं तथा एक संदेश जा रहा है कि उज्जैन में श्रद्धालुओं को लूटा जा रहा है..।
महाशिवरात्रि पर उज्जैन के महाकाल मंदिर में इस बार प्रशासन के अनुमान से 40 फीसदी कम भक्त आए। संभावना जताई गई थी कि करीब 12 लाख भक्त दर्शन करने पहुंचेंगे। शुक्रवार रात 2:30 बजे पट खुलने के बाद से रात 10 बजे तक 7 लाख 35 हजार भक्तों ने दर्शन किए। यह संख्या पिछले साल से भी कम रही। महाकाल लोक बनने के बाद पहली बार इतनी कम भीड़ महाकाल मंदिर पहुँची। शुक्रवार सुबह 11 बजे तक 1 लाख 80 हजार श्रद्धालु दर्शन करने पहुँचे थे। इसके बाद देर शाम तक श्रद्धालुओं का आंकड़ा जारी नहीं किया गया। रात 10 बजे फाइनल आंकड़ा बताया। महाकाल मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने स्वयं आंकलन कर बताया था कि इस बार महाशिवरात्रि पर 12 लाख श्रद्धालु आ सकते हैं। श्रद्धालुओं को 40 मिनट में दर्शन कराने की व्यवस्था बनाई है। महाशिवरात्रि के लिए 300 क्विंटल लड्डू प्रसादी बनाई गई है। हरसिद्धि पाल पार्किंग, हरसिद्धि मंदिर के पास टीन शेड, झालरिया मठ, भील समाज धर्मशाला समेत 20 काउंटर लगाकर प्रसादी दी जाएगी। महाकाल मंदिर में रोजाना करीब डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। शनिवार-वीकेंड में यह संख्या 4 से 5 लाख पहुँच जाती है। पिछले साल यानी 2023 में महाशिवरात्रि पर 8 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। 1 जनवरी 2024 से लेकर 10 फरवरी 2024 तक करीब 1 करोड़ 20 लाख से अधिक श्रद्धालु आए। इस आधार पर प्रशासन ने इस बार 12 लाख भक्तों के आने की संभावना जताई थी। महाकाल मंदिर में भक्तों की संख्या कम रहने के पीछे एक कारण यह भी माना जा रहा है कि सीहोर में पंडित प्रदीप मिश्रा के रुद्राक्ष वितरण कार्यक्रम में अधिक लोग पहुंचे। इस बार रुद्राक्ष महोत्सव की शुरुआत 7 मार्च से हुई, लेकिन रुद्राक्ष वितरण कार्यक्रम नहीं होने से अगले दिन 8 मार्च को महाशिवरात्रि पर मुख्य आयोजन में शामिल होने करीब 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे। महाकाल मंदिर के पुजारी महेश शर्मा ने बताया कि इस बार अनुमान से कम भीड़ रही। ऐसा आम दिनों में शनिवार से सोमवार तक होता है। अब भक्तों की भीड़ कहां गई, ये तो पता नहीं, लेकिन राम मंदिर और सीहोर में होने वाली शिव पूजा में बड़ी संख्या लोग सम्मलित हो रहे हैं। इसी के चलते भीड़ महाकाल मंदिर नहीं पहुंची। महाशिवरात्रि पर अमूमन एक हफ्ते पहले एडवांस में होटल बुक हो जाती थी, लेकिन इस बार अधिकांश होटल खाली रहे। पिछले पांच साल में महाशिवरात्रि के दिन ऐसा नहीं हुआ। शिवरात्रि पर महाकाल के रात्रि 2:30 बजे पट खुलने के बाद दर्शन शुरू हो चुके थे। उज्जैन स्मार्ट सिटी की ओर से महाकालेश्वर मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए हेड काउंटिंग मशीन लगाई गई है। यह मशीन मानसरोवर गेट पर लगाई गई है। इसकी मदद से श्रद्धालुओं की हेड काउंटिंग के साथ उनके फोटो भी कैप्चर हो जाते हैं, जिससे पता चलता है कि एक दिन में कितने श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। इसका डाटा स्मार्ट सिटी के अफसरों के पास जाता है। वे इस डाटा को प्रशासक को उपलब्ध कराते हैं। लगातार 44 घंटे भगवान महाकाल के दर्शन हुए। शुक्रवार रात 10 बजे तक 7.35 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
घूरकर देखने के विवाद में युवक को चाकू मारा
उज्जैन। महिदपुर के बैरजाली चौराहा पर कल शाम घूरकर देखने की बात पर आरोपी ने युवक से विवाद किया और चाकू से हमला कर दिया। महिदपुर थाना पुलिस ने बताया कि बैरजाली चौराहे पर वहीं का रहने वाला मोहम्मद आवेश के साथ आरोपी ने घूरकर देखने की बात को लेकर विवाद किया और गाली-गलौज कर उस पर चाकू से हमला कर दिया। आरोपी घटना के बाद भाग निकला। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
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