मुंबई (Mumbai)। अभिनेता राजेंद्र कुमार (Rajendra Kumar) की आज बर्थ एनिवर्सरी (birth anniversary) है। राजेंद्र कुमार 60 और 70 के दशक के लोकप्रिय अभिनेता थे। फिर 80 के दशक में उन्होंने कई फिल्मों का निर्माण किया। इन फिल्मों के जरिए उन्होंने अपने बेटे कुमार गौरव को लॉन्च किया।
इंडस्ट्री में राजेंद्र कुमार का ऐसा रुतबा रहा कि उन्हें जुबली कुमार के नाम से भी जाना गया। इस सफलता के पीछे अभिनेता का कठिन संघर्ष रहा। फिल्म ‘मदर इंडिया’ उनके करियर में मील का पत्थर साबित हुई और इसके बाद उन्हें पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा। कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री अवॉर्ड से भी नवाजा गया।
‘जोगन’ से शुरू किया सफर
इसके बाद फिल्म ‘जोगन’ (1950) से उन्होंने फिल्मी सफर शुरू किया। दिलीप कुमार और नरगिस अभिनीत इस फिल्म में वे कैमियो भूमिका में दिखे। राजेन्द्र कुमार ने अपने इसके बाद उन्हें फिल्म ‘मदर इंडिया’ (1957) मिली, जिसमें वे नरगिस के बड़े बेटे रामू के रोल में दिखे। इस फिल्म ने उनकी किस्मत रातोंरात बदल दी। फिर राजेंद्र कुमार को पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा।
इसलिए मिला ‘जुबली कुमार’ टैग
राजेंद्र कुमार की पहली सबसे बड़ी हिट फिल्म ‘गूंज उठी शहनाई’ (1959) थी। इस फिल्म से उन्हें रोमांटिक हीरो के तौर पर पहचाना जाने लगा। 1960 के दशक में उनकी कई फिल्में एक साथ सिनेमाघरों में हिट साबित हुईं। ये फिल्में सिनेमाघरों में लगातार 25 हफ्तों तक लगी रहीं, जिसके बाद उन्हें ‘जुबली कुमार’ के नाम से पुकारा जाने लगा। ऐसा कहा जाता है कि राजेश खन्ना की फिल्मों में एंट्री से ही राजेंद्र कुमार का जादू कम होने लगा। एक्टिंग में सफलता के शिखर तक पहुंचने के बाद उन्होंने अपने बेटे कुमार गौरव के लिए फिल्म का निर्देशन भी किया। इस फिल्म का नाम ‘लव स्टोरी’ था। अपने करियर में राजेंद्र कुमार ने 85 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। ‘धूल का फूल’, ‘पतंग’, ‘धर्मपुत्र’ और ‘हमराही’ उनकी सुपरहिट फिल्मों में से हैं।
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