वाणिज्यिकर आयुक्त के मुताबिक बड़ी मात्रा में मिला है पटाखों का अवैध स्टॉक, आज शाम तक कर अपवंचन की जानकारी हो सकती है उजागर, अभी सभी ठिकानों पर जांच जारी
इंदौर। हर बार दीपावली (Diwali) से पहले आयकर (Income Tax Department) के साथ-साथ वाणिज्यिक कर विभाग (commercial tax department) द्वारा भी कर चोरी के मामले में सर्वे-छापे की कार्रवाई की जाती है। गत वर्ष कोविड के कारण इसमें राहत दी गई थी, मगर इस बार चूंकि बाजार में तेजी है, लिहाजा विभागों ने कार्रवाई शुरू कर दी। वाणिज्यिक कर विभाग का अमला पटाखा कारोबारियों पर टूट पड़ा और इंदौर की एक दर्जन थोक व्यावसायिक फर्मों के साथ-साथ प्रदेशभर के कारोबारियों के 160 ठिकानों पर छापे डाले।
प्रदेश के वाणिज्यिक कर आयुक्त लोकेश जाटव के मुताबिक अभी इन सभी ठिकानों पर जांच-पड़ताल चल रही है और संभवत: शाम तक कर चोरी की कुछ जानकारी सामने आ सकती है। दूसरी तरफ नापतौल विभाग की टीमों ने भी शहर के कुछ प्रतिष्ठित ज्वेलरों के यहां कार्रवाई की। इस बार दीपावली पर हर तरह के कारोबार में अच्छी तेजी बताई जा रही है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि बीते एक साल से इंदौर के रियल इस्टेट कारोबार में अच्छी-खासी तेजी चल रही है और चूंकि सबसे अधिक पैसा इस कारोबार में ही आता है और उसका लाभ अन्य क्षेत्र के कारोबार को मिलता है, जिसमें ऑटोमोबाइल, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक सामानों से लेकर गारमेंट्स सहित अन्य क्षेत्रों में भी अच्छी खरीद-फरोख्त होती है। इस बार पटाखा कारोबार में भी तेजी बताई जा रही है, जिसके चलते दो स्थानों पर थोक दुकानें लग भी गई हैं। वाणिज्यिक कर विभाग की जीएसटी टीमों ने कल एक साथ पटाखा कारोबारियों पर धावा बोला। प्रदेशभर में यह जांच चल रही है और 160 ठिकानों पर 59 कारोबारी फर्म दायरे में हैं। भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, हरदा, कटनी, इंदौर में चल रही यह जांच आज भी जारी रही। इंदौर के एक दर्जन कारोबारी भी इसकी चपेट में आए हैं, जिनके 55 ठिकानों पर जीएसटी की टीमें जांच में जुटी हैं। चूंकि दीपावली पर पटाखों की बिक्री अधिक होती है और चंद दिनों का ही कारोबार रहता है, जिसके चलते स्वीकृत अनुमति से कई गुना अधिक स्टॉक ये कारोबारी करते हैं। वाणिज्यिक कर आयुक्त लोकेश जाटव के मुताबिक सभी ठिकानों पर अत्यधिक स्टॉक पाया गया है। प्राप्त दस्तावेजों और अन्य रिकॉर्डों की जांच-पड़ताल चल रही है और शाम तक चोरी के कुछ आंकड़े मीडिया को बताए जा सकते हैं। मगर अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता कि कितना कर अपवंचन उजागर हुआ। दूसरी तरफ कुछ बड़े ज्वेलरों के शोरूमों पर इलेक्ट्रॉनिक बैलेंस और परीक्षण के लिए नापतौल विभाग की टीमें पहुंचीं। एमजी रोड स्थित इन शोरूमों पर कुछ प्रकरण भी विधिक माप विज्ञान अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन के मामले में विभाग ने बनाए हैं। विभाग का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक बैलेंस और सत्यापित बांटों का समयसीमा में सत्यापन नहीं कराया गया।
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