इंदौर। एनजीटी के नियमों का हवाला देकर कान्ह नदी के दोनों ओर 100-100 फीट तक निर्माण नहीं होने और जो निर्माण हो गए हैं, उन्हें तोडऩे के आदेश ने दर्जनभर से ज्यादा कालोनियों के लोगों के सामने चिंता खड़ी कर दी है। जब नगर निगम के लोग नपती करने पहुंचे तो लोगों में हडक़ंप मच गया। रहवासियों का कहना था कि एनजीटी के नियमों की याद अब आ रही है। इस आदेश के खिलाफ कल रात काटजू कालोनी शिव मंदिर पर त्रिवेणी कालोनी, भाट मोहल्ला, धोबीघाट, जमना नगर, लाडक़ाना नगर, बारामत्था, जयरामपुर कालोनी, काटजू कालोनी, मोती तबेला, हरसिद्धि, तोड़ा आदि के लोग इकट्ठा हुए और कलेक्टर आशीषसिंह द्वारा दिए गए आदेश की निंदा की। कालोनी के लोगों ने सर्वसम्मति से अपना घर रक्षा समिति का गठन किया और इसका संयोजक संजय भाटिया को बनाया गया है।
भाटिया ने बताया कि प्रशासन ने एनजीटी के नियमों का हवाला देते हुए नदी के दोनों ओर के 100-100 फीट तक बने निर्माण तोडऩे का आदेश दिया है। इसको लेकर पिछले दिनों कलेक्टर कार्यालय और नगर निगम के कर्मचारी भी पहुंच गए थे, जिसके बाद यहां के नागरिक भयभीत हैं। उनका कहना है कि अगर ऐसा होता है तो वे कहीं के भी नहीं रहेंगे, क्योंकि 100 फीट के दायरे में कई घर आ रहे हैं। अगर ऐसा ही था तो यहां की कालोनियों को लेआउट में क्यों लिया गया और जब कालोनी बस रही थी, तब इस पर रोक क्यों नहीं लगाई गई। नक्शे भी निगम ने यहां स्वीकृत कर रखे हैं। यही नहीं, नगर निगम के कई मार्केट भी कान्ह नदी के किनारे बने हुए हैं। बैठक में मुख्य रूप से धीरज यादव, राजेश खिची, संजय कौशिक, जीतू कुशवाह और हरीश भाटिया उपस्थित रहे। भाटिया ने कहा कि हर मोहल्ले में हम एक-एक समिति बना रहे हैं, जिसमें एक मोहल्ले से दो से तीन लोगों को लेकर 25 लोगों का एक कार्यकारी मंडल बनाया गया है, जो इस मामले में लड़ाई लड़ेगा। अगर सडक़ों पर उतरकर संघर्ष भी करना पड़ा तो हम तैयार हैं।
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