इंदौर (Indore)। हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद जिला कोर्ट के जजों, वकीलों और पक्षकारों के वाहन पार्क के लिए समीप ही होप टेक्सटाइल्स मिल की रिक्त भूमि पर अस्थायी रूप से नई पार्किंग की तैयारी शुरू हो गई है। इसे लेकर हाल ही में प्रधान जिला न्यायाधीश और अन्य द्वारा जमीन का मौका मुआयना किया गया। वर्तमान में जिला न्यायालय में पार्किंग की समस्या अत्यंत गंभीर है। यहां 80 से ज्यादा न्यायालय हैं। रोजाना औसतन 10 हजार से ज्यादा प्रकरणों की सुनवाई के लिए पक्षकारों के अलावा जजों, वकीलों और स्टाफ का न्यायालय में आवागमन रहता है, जिनकी गाडिय़ां पार्क करने में दिक्कत आती है। हाईकोर्ट में 2012 से होप टेक्सटाइल मिल की जमीन को लेकर चल रही एक रिट पिटिशन में इंदौर अभिभाषक संघ की ओर से हाल ही में एक अंतरिम अर्जी एडवोकेट लोकेश मेहता के माध्यम से लगाई गई थी।
इसमें अनुरोध किया गया था कि जिला कोर्ट परिसर से लगी होप टेक्सटाइल्स की रिक्त पड़ी शासकीय भूमि जिला कोर्ट परिसर में आने वाले वाहनों की पार्किंग हेतु उपलब्ध करवाई जाए। इस पर कोर्ट ने तीन सदस्यीय कमेटी प्रधान जिला न्यायाधीश की अगुआई में बनाई, जिसमें कलेक्टर और इंदौर अभिभाषक संघ के अध्यक्ष-सचिव को सदस्य बनाया गया है। यह कमेटी इस बात का परीक्षण करेगी कि कितनी जमीन यहां अस्थायी पार्किंग के लिए लगेगी। यह कमेटी उसकी शर्तें भी तय करेगी। पार्किंग की यह व्यवस्था इस याचिका के फाइनल ऑर्डर के अधीन रहेगी। इस अंतरिम आदेश के बाद गत दिनों प्रधान जिला न्यायाधीश बीपी शर्मा ने इस रिक्त भूमि का अवलोकन किया और आवश्यक बिंदुओं पर चर्चा की। इस दौरान एसडीएम घनश्याम धनगर, अभिभाषक संघ अध्यक्ष गोपाल कचोलिया, सचिव घनश्याम गुप्ता, पूर्व जिला लोक अभियोजक विमल मिश्रा आदि मौजूद थे। अध्यक्ष कचोलिया के मुताबिक जल्द ही इसके बाद की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
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