उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर प्रशासक द्वारा नि:शुल्क दर्शन व्यवस्था को बंद कर दिया गया है। जो श्रद्धालु पंजीयन नहीं करवा पाता है, उससे 101 रू. दान के नाम पर लेकर दर्शन करवाए जा रहे हैं। यह हिंदू समाज पर जजिया कर जैसा है। इसे यदि बंद नहीं किया गया तो विश्व हिंदू परिषद द्वारा आंदोलन किया जाएगा।
यह बात बुधवार को विश्व हिंदू परिषद के विभाग मंत्री महेश तिवारी ने कही। उन्होंने हिस से चर्चा करते हुए कहाकि मंदिर में हजारो श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। हर व्यक्ति अमीर नहीं है। बाबा का दरबार सभी के लिए खुला रहना चाहिए। कोरोना के नाम पर इस प्रकार से प्रशासन द्वारा लूट की जा रही है। इस संबंध में नागरिक क्षेत्र से कोई राय मशवरा नहीं लिया गया। मंदिर में मनमाने निर्णय लिए जा रहे हैं।
श्री तिवारी के अनुसार उन्होंने जब प्रशासक सुजानसिंह रावत से चर्चा की तो उनका कहना था कि कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर ऐसा निर्णय लिया है। गुरूवार को उनसे मिलकर एक बार चर्चा की जाएगी। यदि यह व्यवस्था बंद नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा।
वहीं धर्म जागरण के प्रांत योजना प्रमुख कुलदीपक जोशी ने कहा कि महाकालेश्वर मंदिर अब मनमानी का केंद्र बन गया है। धर्म से जुड़े निर्णय अधिकारी लेने लग गए हैं। मंदिर में सदियों से नि:शुल्क दर्शन की व्यवस्था है। यहां पर श्रद्धालुओं से कोरोना के नाम पर 101 रू. की टिकट काटकर दर्शन करवाना मुगल मानसिकता का प्रतिक है।
पंजीयन नहीं होने पर श्रद्धालु से 101 रू. की टिकट कटवाने की बाध्यता को लेकर भाजपा नगराध्यक्ष विवेक जोशी ने कहाकि प्रशासक सुजानसिंह रावत मंदिर को विवादों का केंद्र बना रहे हैं। लगातार कुछ न कुछ चल रहा है। बगैर बातचीत किए इसप्रकार के निर्णय थोपना जन आस्था के विरूद्ध है।
इस संबंध में चर्चा करने पर विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री सोहनजी ने कहाकि मंदिर प्रशासक सुजानसिंह रावत की यह हिंदूओं को उनके धार्मिक स्थल से दूर करने की साजिश है। इसप्रकार की साजिश का पूरजोर विरोध किया जाएगा। महाकाल सभी के हैं। गरीबों के साथ इसप्रकार का अन्याय सहन नहीं किया जाएगा।
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