नई दिल्ली: मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर आई है. चालू वित्त वर्ष सरकारी खजाने के लिए बेहतर साबित हो रहा है. सरकार की टैक्स से आय लगातार बढ़ रही है. भारत का नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (Direct Tax Collections) मार्च 2024 को समाप्त वित्त वर्ष में सालाना आधार पर 17.7 फीसदी बढ़कर 19.58 करोड़ रुपये हो गया. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने रविवार (21 अप्रैल) को कहा कि यह राशि संशोधित अनुमानों से काफी ज्यादा है.
इनकम टैक्स और कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 2023-24 के दौरान बजट अनुमानों से 1.35 लाख करोड़ रुपये (7.40 फीसदी) और संशोधित अनुमानों से 13,000 करोड़ रुपये ज्यादा रहा. इनकी डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में सबसे बड़ी हिस्सेदारी है. वित्त वर्ष 2023-24 में ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (प्रोविजनल) 18.48 प्रतिशत बढ़कर 23.37 लाख करोड़ रुपये हो गया. रिफंड के बाद नेट आय 17.7 फीसदी बढ़कर 19.58 लाख करोड़ रुपये रही.
➡️Net Direct Tax collections(provisional) for FY2023-24 exceed the Budget Estimates by ₹ 1.35 lakh crore i.e by 7.40% & Revised Estimates by 0.67%
➡️Gross Direct Tax collections(provisional) at ₹23.37 lakh crore register a growth of 18.48%
➡️Net Direct Tax… pic.twitter.com/cgIJJYxSl3
— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) April 21, 2024
वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 3.79 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के आंकड़े अर्थव्यवस्था में उछाल और व्यक्तियों तथा कॉरपोरेट की आय में वृद्धि को दर्शाते हैं. सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 3.79 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के प्रोविजनल डेटा बताते हैं कि नेट कलेक्शन 19.58 लाख करोड़ रुपये है. इससे पिछले वित्त वर्ष में यह राशि 16.64 लाख करोड़ रुपये थी. वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में इस वर्ष के लिए कलेक्शन 18.23 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था, जिसे बाद में संशोधित कर 19.45 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया.
ग्रॉस कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 13.06 फीसदी बढ़ा
वित्त वर्ष 2023-24 में ग्रॉस कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन (प्रोविजनल), इससे पिछले वर्ष के 10 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 13.06 फीसदी बढ़कर 11.32 लाख करोड़ रुपये हो गया. वित्त वर्ष 2023-24 में नेट कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन (प्रोविजनल) 9.11 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष के 8.26 लाख करोड़ रुपये से 10.26 फीसदी ज्यादा है.
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