नई दिल्ली: देश में जून के महीने में पेट्रोल और डीजल की भारी खपत हुई है. डीजल की मांग में पेट्रोल के मुकाबले ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. डीजल की मांग वार्षिक आधार पर 35.2 प्रतिशत बढ़कर जून में 73.8 लाख टन पर पहुंच गई. पेट्रोल की बिक्री भी जून 2022 में बढ़ी है और यह 28 लाख टन रही जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 29 प्रतिशत अधिक है.
जून, 2020 की तुलना में पेट्रोल की खपत 36.7 फीसदी और जून, 2019 की तुलना में 16.5 प्रतिशत अधिक रही है. वहीं, मासिक आधार पर बिक्री 3.1 फीसदी अधिक रही है. रसोई गैस यानी एलपीजी की बिक्री जून में 0.23 प्रतिशत बढ़कर 22.6 लाख टन रही. यह जून, 2020 के मुकाबले 9.6 फीसदी और जून, 2019 की तुलना में 27.9 फीसदी अधिक है. जून, 2021 की तुलना में एलपीजी बिक्री 6 प्रतिशत अधिक रही है.
इसी तरह जेट फ्यूल (ATF) की मांग भी सालाना आधार पर लगभग दोगुनी होकर जून 2022 में 5,35,900 टन रही. जून 2021 के मुकाबले 150.1 फीसदी की बढ़ोतरी जून 2022 में हुई है. लेकिन अभी भी जेट फ्यूल की बिक्री कोरोना पूर्व स्तर 6,15,400 टन से कम है. गौरतलब है कि अप्रैल में चार महीने के अंतराल के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी के कारण खपत में गिरावट देखी गई थी.
इसलिए बढ़ी मांग
बाजार जानकारों का कहना है कि आर्थिक गतिविधियां तेज होने, गर्मियों की छुट्टियों में लोगों के यात्राएं करने तथा फसल बुवाई शुरू हो जाने से जून में भारत में पेट्रोल और डीजल की बिक्री बढ़ गई है. साथ ही देश में कोरोना प्रतिबंधों के हटने के बाद औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आने से भी ईंधन की मांग में इजाफा हो रहा है.
उद्योग से जुड़े सूत्रों ने डीजल की मांग में वृद्धि का कारण कृषि और परिवहन क्षेत्रों में अधिक खपत को बताया है. डीजल की खपत जून, 2019 की तुलना में 10.5 प्रतिशत और जून, 2020 के 33.3 फीसदी अधिक है रही है. इसी तरह डीजल की बिक्री इस साल मई की तुलना में जून में 11.5 प्रतिशत अधिक रही. उस समय 67 लाख टन डीजल बिका था.
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