जबलपुर। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा के बाद जागते हैं। मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा का फल दोगुना मिलता है। इस बार मत-मतांतर के चलते स्वयं सिद्ध मुहूर्त में से एक देवप्रबोधिनी एकादशी 14 और 15 नवंबर को होगी। इसके साथ शादी-विवाह, गृह प्रवेश सहित अन्य मांगलिक कार्यों का श्रीगणेश भी होगा। आज शाम को तुलसी संग शालिग्राम विवाह के आयोजन भी होंगे। शहर के बाजारों में पौने दो साल बाद एक बार फिर रौनक का माहौल देखा जा रहा है। ग्यारस को लेकर आज सुबह से बाजारों में चहल-पहल बनी हुई है।
मक्रवाहिनी मंदिर में शाम को होगी महाआरती
आज देवउठनी एकादशी के अवसर पर पानदरीबा स्थित मां मक्रवाहिनी मंदिर में माता का विशेष पूजन एवं महाआरती का आयोजन किया जाएगा। सुबह से ही कार्यक्रम को लेकर तैयारियां शुरु हो गई थी। शाम को शहर के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालुओं द्वारा महाआरती लेकर मंदिर परिसर में माता की महाआरती की जाएगी।
ब्राम्हण महिला मोर्चा द्वारा कार्यक्रम का आयोजन
तमसो मा ज्योतिर्गमय हमारी भारतीय संस्कृति है। कार्तिक मास का हर दिन त्यौहार से जुड़ा है। जिसमें दीपोत्सव महापर्व स्वच्छता, आनंद उत्साह, सामाजिक मेल-जोल में वृद्धि करता है। आज देवउठनी एकादशी ग्यारस के अवसर पर अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज महिला मोर्चा जबलपुर के द्वारा कार्यक्रम व रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस दौरान बच्चों को पुरुस्कृत किया गया। संगठन की बहिनों द्वारा प्रस्तुत सुमधुर भजन का सभी ने आनंद लिया। संगठन के द्वारा सुप्तेश्वर मंदिर की संस्थापिका सुधा राजे, गीता शरत तिवारी, रुकमणी जोशी का स्वागत किया गया। ब्राह्मण समाज की महिलाओं ने अधिकाधिक उपस्थिति देकर कार्यक्रम को भव्यता प्रदान की।
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