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    मिलिट्री को आधुनिक बनाने के लिए दिए जाने वाले बजट में हुई कटौती, संसदीय समिति ने व्यक्त की चिंता

  • March 17, 2022


    नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में चीन (China) के साथ सैन्य टकराव (Military Confrontation) कम होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं. लगातार भारतीय सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण (Military Modernisation) की बात कही जा रहा है, लेकिन तथ्य यह भी सामने आया है कि सैन्य बलों के आधुनिकीकरण के लिए 2022-2023 के लिए दिए जाने वाले बजट में लगभग 63,000 करोड़ रुपए कम मिले है. इस पर संसदीय समिति ने चिंता व्यक्त की है. सेना को केवल 32,115 करोड़ रुपए मिले हैं. उसने 46,844 करोड़ रुपये की आवश्यकता का अनुमान लगाया था.

    वायुसेना को 85,323 करोड़ रुपये के बजाय 56,852 करोड़ रुपए का मिले हैं और नौसेना को 67,623 करोड़ रुपए के बजाय 47,591 करोड़ रुपए मिले हैं. वेतन और डे-टू-डे की ऑपरेशन लागत के लिए राजस्व परिव्यय के तहत भी इसी तरह की कमी दर्ज की गई. कुल मिलाकर, रक्षा सेवाओं के लिए 4.87 लाख करोड़ रुपए के अनुमान के मुकाबले 3.85 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए. पूंजी व्यय में अनुमानों और आवंटन के बीच बड़े अंतराल को ध्यान में रखते हुए रक्षा पर संसदीय स्थायी समिति ने बुधवार को कहा कि चीन और पाकिस्तान के साथ बढ़े हुए तनाव के बीच ऐसी स्थिति “देश की रक्षा तैयारियों के लिए अनुकूल नहीं है”.


    वित्त मंत्रालय कहे, नहीं होनी चाहिए राशि में कटौती- संसदीय समिति
    समिति ने संसद में पेश की गई रिपोर्ट में कहा कि रक्षा मंत्रालय (MoD) को वित्त मंत्रालय से “अनुमानित राशि में कटौती नहीं करने के लिए कहना चाहिए क्योंकि इससे योजनाओं/गतिविधियों का पुनर्मूल्यांकन होता है, जो ऑपरेशन की तैयारियों से समझौता कर सकता है. इसका उद्देश्य पूंजी-गहन आधुनिक मशीनों को शामिल करना होना चाहिए, जो युद्ध के परिणाम को हमारे पक्ष में झुकाने और हमारे देश की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अनिवार्य हैं.” वास्तव में तीनों सेवाओं में से किसी को भी 2016-2017 से अनुमानित राशि आवंटित नहीं की गई है.

    समिति ने बड़ी कटौती का जिक्र करते हुए कहा कि वित्त मंत्रालय को आने वाले वर्षों में सशस्त्र बलों के लिए “पूंजी मदों के तहत बजट आवंटित करते समय कोई कटौती नहीं करनी चाहिए”. वित्त मंत्रालय को वित्त वर्ष 2022-2023 में संशोधित अनुमानों के साथ-साथ पूरक अनुदान चरणों में आवंटन बढ़ाने के लिए भी कदम उठाने चाहिए. समिति ने यह भी सिफारिश की कि महत्वपूर्ण समय पर जरूरी सैन्य संपत्तियों की खरीद के लिए ‘नॉन-लैप्सेबल डिफेंस मॉडर्नाइजेशन फंड – डिफेंस रिन्यूअल फंड’ के गठन में तेजी लाई जानी चाहिए.

    आधुनिकीकरण के लिए बढ़ाया जाना चाहिए बजट
    समिति ने कहा, “चूंकि इस तरह के एक कोष के गठन के लिए कैबिनेट नोट के मसौदे पर विचार किया जा रहा है, समिति आग्रह करती है कि इसे जल्द से जल्द मंजूरी दी जाए ताकि इसके गठन को पूरा किया जा सके.” समिति ने सिफारिश की है कि आधुनिकीकरण के लिए पूंजी मद के तहत बढ़ाया और पर्याप्त बजटीय आवंटन किया जाना चाहिए ताकि खरीद और उन्नयन प्रक्रियाओं को धन की कमी के बिना किसी बाधा के पूरा किया जा सके.

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