भीलवाड़ा: मेडिकल स्टोर्स लोगों की जिंदगी का काफी महत्वपूर्ण हिस्सा है. डॉक्टर्स से कंसल्ट करने के बाद लोग दवाओं के लिए इन्हीं स्टोर्स पर आते हैं. लेकिन हर दवाखाने में आपको कुछ ऐसी दवाइयां मिलेंगी, जिसे बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के देना मना है. अगर कोई भी दुकानदार इन्हें बिना पर्ची के ही बेच देता है तो ये अपराध है. ऐसा ज्यादातर नींद की या सीधे कहे तो नशे की दवाइयों के साथ किया जाता है.
दवा दुकान में भले ही आपको सर्दी या किसी छोटी-मोटी बिमारी की दवाई यूं ही मिल जाएगी. लेकिन अगर आपको नींद की दवाएं चाहिए, या ऐसी दवाइयां जिससे नशा छाने लगता है तो आपको प्रिस्क्रिप्शन दिखाना जरुरी है. लेकिन राजस्थान के भीलवाड़ा में आठ दुकानों पर जब कार्यवाई की गई तो पता चला कि ये लोग बिना डॉक्टर की पर्ची देखे ही लोगों को नशे की दवाइयां दे रहे थे. इसके बाद सभी का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया है.
जिन दुकानों पर राजस्थान औषधि नियंत्रण विभाग ने कार्यवाई की है, उनपर आरोप है कि वो बिना डॉक्टर की पर्ची देखे ही सभी को नशे की दवाइयां देते थे. इस वजह से उनकी दुकानों पर भीड़ लगी रहती थी. इनमें ज्यादातर नशेड़ी होते थे, जो इन दवाओं को खाकर नशा करते थे. इसकी शिकायत मिलने के बाद औषधि नियंत्रण विभाग हरकत में आया और उसने कार्यवाई की. करीब आठ मेडिकल स्टोर्स को तत्काल बंद करवा दिया गया है और उसके लाइसेंस को सस्पेंड कर दिया गया है.
शिकायत मिलने के बाद औषधि नियंत्रण विभाग ने भीलवाड़ा के करीब डेढ़ दर्जन मेडिकल स्टोर्स का निरिक्षण किया. इसमें से आठ में गड़बड़ी पाई गई. सभी दुकानों को बंद कर दिया गया. साथ ही जिसकी जितनी बड़ी गड़बड़ी, उतने ज्यादा दिन के लिए लाइसेंस को सस्पेंड किया गया है. आठ दुकानों में से किसी को भी निलंबन की अवधी में दुकान खोलने की इजाजत नहीं है. इन सभी पर नशे की दवाइयां बेचने का आरोप है.
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