भूमाफियाओं के खिलाफ शहर में तीन बार मुहिम चली हर बार मद्दा आरोपी बना, लेकिन पकड़ाया नहीं
इंदौर। शहर में पंद्रह सालों में पुलिस-प्रशासन (Police-administration) ने जमीन (land) के जादूगर (magicians) भूमाफियाओं (land mafia) के खिलाफ तीन बार मुहिम (campaign) चलाई और कई को गिरफ्तार (arrest) किया तो कई पीडि़तों (victims) को प्लॉट (plot) दिलवाए, लेकिन दीपक मद्दा ऐसा भूमाफिया है, जिसके खिलाफ हर बार केस दर्ज हुआ, लेकिन वह एक बार भी पुलिस (police) के हाथ नहीं लगा। इस बार भी वह एक साल से सात प्रकरणों में फरार चल रहा है और उस पर 50 हजार का इनाम भी है। कल पुलिस ने उसके घर पर छापा मारा और संपत्ति कुर्क करने का नोटिस चस्पा किया, ताकि वह सामने आ सके।
शहर में बीस सालों में जमीन के भाव तेजी से बढ़े हैं। मजदूरों और कर्मचारियों को प्लॉट (plot) मिल सके इसके लिए सरकार ने कई संस्थाओं को जमीन मुहैया करवाई थी, लेकिन संस्था के कर्ताधर्ताओं के साथ मिलकर भूमाफियाओं (land mafia) ने इन जमीन पर कब्जा कर लिया और करोड़ों का खेल किया। संस्था के सदस्यों को प्लॉट (plot) नहीं देते हुए दूसरों को बेच दिए। तीन बार चली मुहिम में बड़ी संख्या में भूमाफियाओं के खिलाफ केस दर्ज हुए और कई जेल गए। शातिर भूमाफिया दीपक मद्दा के खिलाफ हर मुहिम में केस दर्ज हुए, लेकिन वह एक भी बार पुलिस के हाथ नहीं आया। पहली दो मुहिम में सालों तक वह फरार रहा और फिर उसे जमानत मिल गई। इस बार फिर पुष्प विहार, अयोध्यापुरी और हिना पैलेस कॉलोनी पर कब्जे को लेकर उसके खिलाफ खजराना और एमआईजी थाने में सात केस दर्ज किए गए थे, लेकिन वह 50 हजार का इनाम होने के बाद भी पुलिस के हाथ नहीं आया। अब पुलिस अफसरों का दावा है कि जल्द उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
तीस प्रतिशत अपराधों में जमीन विवाद
शहर में जमीन (land) के भाव बढऩे के बाद भूमाफियाओं (land mafia) के अलावा गुंडे भी इसके सौदे निपटाने में उतर गए हैं। इसके चलते शहर में होने वाले अपराधों में से तीस प्रतिशत में जमीन विवाद एक कारण रहता है। यह सिलसिला जारी है। अभी भी हर जनसुनवाई में आने वाली शिकायतों में से तीस प्रतिशत शिकायतें जमीन विवाद की होती हैं।
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