नई दिल्ली: भारत ने पेरिस ओलंपिक में एक सिल्वर समेत 6 मेडल जीते हैं. इस तरह वह टोक्यो ओलंपिक के मुकाबले एक मेडल पीछे रह गया. पेरिस गेम्स में भारत का प्रदर्शन आंकड़ों में यही है. लेकिन अगर पेरिस में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन को बारीकी से देखें तो पाएंगे हमने मेडल भले ही 6 जीते हों लेकिन इसके करीब कम से कम 12 खिलाड़ी पहुंचे. 6 इवेंट में तो हमारे खिलाड़ी चौथे नंबर पर रह गए. अगर ऐसा नहीं होता तो पेरिस में भारत के मेडल जितने हैं, उससे दोगुने दिख रहे होते.
पेरिस ओलंपिक में दो भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन सबसे ज्यादा सराहा गया. पहला, मनु भाकर, जिन्होंने शूटिंग में दो ब्रॉन्ज मेडल जीते. दूसरा, नीरज चोपड़ा, जिन्होंने जेवलिन थ्रो में सिल्वर मेडल जीता. भारतीय हॉकी टीम ने लगातार दूसरे ओलंपिक में मेडल (ब्रॉन्ज) जीतकर अपने फैंस को खुश होने का मौका दिया. 21 साल के पहलवान अमन सहरावत, शूटर सरबजोत सिंह और स्वप्निल कुसाले ने भी ब्रॉन्ज मेडल जीते. इनमें से सरबजोत सिंह ने मनु भाकर के साथ मिलकर मिस्क्ड टीम का ब्रॉन्ज मेडल जीता.
मनु भाकर 25 मीटर एयर पिस्टल का मेडल बेहद करीब से चूक गईं. उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए इस इवेंट के फाइनल में जगह बनाई. फाइनल में ज्यादातर समय वे दूसरे-तीसरे नंबर पर रहीं, लेकिन आखिरी शॉट कमजोर पड़ने से मेडल चूक गईं और चौथे नंबर पर रहीं. अर्जुन बबूता भी पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल में चौथे नंबर पर रह गए. शूटिंग में ही महेश्वरी चौहान और अनंतजीत सिंह नरूका स्कीट टीम इवेंट में चौथे नंबर पर रहे.
लक्ष्य सेन बैडमिंटन में पुरुष सिंगल्स के सेमीफाइनल में जगह बनाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने. हालांक, डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन के खिलाफ उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद लक्ष्य सेन और मलेशिया के ली जी जिया के बीच ब्रॉन्ज मेडल का मुकाबला हुआ. लक्ष्य सेन इस मुकाबले में नर्वस नजर आए और बढ़त बनाकर भी हार गए. इस तरह भारत बेहद करीब आकर यह मेडल चूक गया. लक्ष्य सेन इस इवेंट में चौथे नंबर पर रहे.
टोक्यो ओलंपिक में मेडल जीतने वाला मीराबाई चानू ने भी पेरिस गेम्स में अच्छा प्रदर्शन किया. उन्होंने वेटलिफ्टिंग की अपनी कैटेगरी में कुल 199 किलो का वजन उठाया और चौथे नंबर पर रहीं. 200 किलो वजन उठाने वाली वेटलिफ्टर ने ब्रॉन्ज मेडल जीता. इस तरह मीराबाई चानू एक किलो वजन से मेडल चूक गईं.
तीरंदाजी में अंकिता भकत और धीरज बोम्मादेवड़ा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया, लेकिन पदक नहीं जीत पाए. भारतीय जोड़ी टीम इवेंट में चौथे नंबर पर रही.
निशांत देव और लवलीना बोरगोहेन ने बॉक्सिंग के अपने-अपने इवेंट के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई. निशांत क्वार्टर फाइनल में शुरुआती राउंड में आगे चल रहे थे, लेकिन बाद में उन्हें हारा घोषित किया गया. यह एक विवादित फैसला था, जो भारत से एक मेडल छीन ले गया. बॉक्सिंग में सेमीफाइनल में पहुंचने पर ही ब्रॉन्ज मेडल पक्का हो जाता है.
रेसलर विनेश फोगाट तो फाइनल में भी पहुंची, लेकिन मेडल उनसे दूर रह गया है. विनेश कुश्ती की 50 किलो वर्ग में मुकाबले में उतरीं. पहले दिन उन्होंने 3 मेडल जीते. दूसरे दिन फाइनल से पहले वेट टेस्ट में उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा निकला. इसके बाद उन्हें डिसक्वालीफाई कर दिया गया. विनेश ने इस फैसले को चैलेंज किया और इसके खिलाफ अपील की है. उन्होंने सिल्वर मेडल की मांग की है, जिस पर 13 अगस्त को फैसला आएगा.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved