- कांग्रेस नेता मस्ताल ने लगाया आरोप, श्रद्धालुओं से दर्शन का भी शुल्क वसूल कर विकास का नाटक किया जा रहा है
उज्जैन। महाकाल लोक निर्माण में भयंकर भ्रष्टाचार हुआ है और ऐसे लोगों को जनता माफ नहीं करेगी। श्रद्धालुओं से भस्माती, शीघ्र दर्शन और जल अर्पित करने आदि के लिए शुल्क वसूला जा रहा है और बताया जा रहा है कि इस राशि से विकास कार्य हो रहा है जबकि जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है।
यह बात कांग्रेस नेता और अभिनेता विक्रम मस्तान ने महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पूर्र्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा महाकाल क्षेत्र के सौन्दर्यीकरण एवं श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु 300 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई थी। वर्तमान में जो निर्माण चल रहे हैं वह श्रद्धालुओं से प्राप्त शुल्क की राशि से किया जा रहा। पिछले दिनों थोड़ी सी अंधड़ चलने पर महाकाल लोक में लगी सप्त ऋषियों की सात मूर्तियों में से छ: मूर्तियाँ क्षतिग्रस्त हो गई थीं।
कांग्रेस नेताओं ने वहां उक्त घटना को समस्त जनमानस एवं पत्रकारों के समक्ष रखा। महाकाल लोक में स्टोन की 60 मूर्तियाँ, फाइबर की 100 मूर्तियाँ, कांक्रीट की 30 मूर्तियां स्थापित की जाना थीं, उसकी जगह समस्त मूर्तियाँ प्लास्टिक की स्थापित कर दी गई वह भी गुणवत्ताहीन उक्त मूर्तिया बनाने वाले विशेषज्ञों ने बताया कि मूर्तियों की थिकनेस 100 प्रतिशत की जगह 20 प्रतिशत ही रखी गई है। साथ ही जो स्टोन के वर्क से बैठक हॉल निर्मित किये गये हैं उनके कंगूरे भी लगभग 4-4 किलो के हैं टूट कर गिर रहें हैं। इस संबंध में काफी भ्रष्टाचार किया गया है और जो मूर्तिया दो लाख रुपये लागत की हैं उन्हें 25-25 लाख रुपये की लागत का भुगतान किया गया। इस संबंध में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत नेता प्रतिपक्ष रवि राय द्वारा कागजात मांगे जा रहे हैं परन्तु संबंधित विभाग द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये जा रहें हैं जो कि भ्रष्टाचार छिपाने की कोशिश है। शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रवि भदौरिया द्वार तत्काल प्रदर्शन, धरना जांच की मांग की गई है। इसके अलावा भगवान के दर्शन, पूजन पर शुल्क लगाये गये हैं, जिसमें भगवान के दर्शन हेतु राशि 250 रूपये, भगवान की भस्म आरती देखने के 200 रूपये, भगवान को जल अर्पित करने के लिए 750 रुपये शुल्क वसूला जा रहा है। ऐसे कर्म करने वाले भ्रष्टाचारियों को जनता माफ नहीं करेगी।