भोपाल। मालवा-निमाड़ (Malwa-Nimar) की 66 सीटों में से कांग्रेस ने 41 सीटों पर उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया, जबकि भाजपा की चार सूचियों में 38 उम्मीदवारों के टिकट घोषित हो सके हैं। अब कांग्रेस के 25 और भाजपा के 28 उम्मीदवार इस बेल्ट में घोषित होना बाकी हैं। फिलहाल जिन सीटों पर दोनो दलों ने उम्मीदवार उतारे है, उनमें से पांच सीटों पर टिकट कटने से नाराज नेता बागी तेवर दिखा रहे है और वे चुनाव लड़ने का पूरा मन बना चुके है, हालांकि उन्हें मनाने के प्रयास भी हो रहे है, लेकिन ज्यादातर मानने को तैयार नहीं है।
बगावत की यह चिंगारी और भड़क सकती है, क्योकि मालवा निमाड़ की 25 से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार घोषित होंगे और उनमें से कई सीटों पर एक से ज्यादा दावेदार है। टिकट कटने से नाराज नेताअेां पर बसपा, सपा और आप जैसे दल भी डोरे डाल रहे है। सुसनेर विधानसभा में पिछला चुनाव विक्रम सिंह राणा ने जीता था। वे कांग्रेस से बगावत कर चुनाव लड़े थे। बाद में उनकी भाजपा से निकटता बढ़ गई। भाजपा ने अभी इस सीट से उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, लेकिन यहा से भाजपा राणा को टिकट देने का मन बना चुकी है। टिकट तय होने से पहले ही भाजपा के पूर्व विधायक संतोष जोशी ने भाजपा छोड़ दी और वे निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे है।
देपालपुर विधानभा सीट से भाजपा ने मनोज पटेल को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट से राजेन्द्र चौधरी भी दावेदार थे। टिकट कटने से नाराज उनके समर्थकों ने खूब प्रदर्शन किए। राजेंद्र हिन्दूवादी संगठनों से भी जुड़े है और वे स्थानीय होने के कारण टिकट मांग रहे थे। अब वे निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके है।
जावद विधानसभा क्षेत्र में भाजपा हमेशा सखलेचा परिवार को टिकट देती आई है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरेंद्र कुमार सखलेचा पांच बार इस सीट से विधायक रहे है और फिर उनकी राजनीतिक विरासत संभालते हुए बेटे अेामप्रकाश सखलेचा चार बार से इस सीट पर विधायक है। इस बार इस सीट से पूरणमल अहिरवार ने भी दावेदारी जताई थी, लेकिन उनका टिकट कट गया। वे भी निर्दलीय चुनाव लड़ सकते है।
झाबुआ विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने उपचुनाव जीते कांतिलाल भूरिया का टिकट काटते हुए बेटे विक्रांत भूरिया को उम्मीदवार बनाया। कांतिलाल सांसद का चुनाव लड़ सकते है। इस सीट से पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा भी प्रबल दावेदार थे। टिकट कटने से नाराज जेवयिर समर्थकों ने कांतिलाल भूरिया का पुतला भी जलाया। जेवियर दिल्ली से लौटकर आ चुके है। उनके समर्थकों का कहना है कि यदि टिकट नहीं बदला गया तो जेवियर भी मैदान में उतर सकते है।
नागदा-खाचरौद विधानसभा सीट से भाजपा ने तेज बहादुर सिंह को टिकट दिया है। उनके टिकट के विरोध में कुछ भाजपा पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया और अपना त्यागपत्र भाजपा जिलाध्यक्ष को सौंप आए। इस सीट से पूर्व विधायक दिलीप सिंह शेखावत टिकट के प्रबल दावेदार थे। टिकट कटने से वे और उनके समर्थक नाराज है, हालांकि उन्हें मनाने के लिए भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी उनके घर पहुंचे। समर्थक चाह रहे है कि शेखावत निर्दलीय चुनाव लड़कर पार्टी को उनकी ताकत का अंदाजा बताए।
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