नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अनुमान लगाया है कि देश में दूसरी लहर के कारण चालू वित्त वर्ष के दौरान उत्पादन में दो लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। आर्थिक उत्पादन के नुकसान का जीडीपी के साथ सीधा संबंध नहीं हो सकता है, लेकिन यह अर्थव्यवस्था में मूल्यवर्धन में नुकसान की ओर इशारा करता है। पहले ही, आरबीआई सहित कई एजेंसियों ने वित्त वर्ष के लिए विकास अनुमानों को कम कर दिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों के एक लेख में कहा गया है कि कोविड-19 टीकाकरण की गति और पैमाना आर्थिक पुनरुद्धार के रास्ते को तय करेगा। इसमें यह भी कहा गया है कि अर्थव्यवस्था में महामारी तथा पहले से मौजूद चक्रीय और संरचनात्मक बाधाओं से पार पाने की जरूरी क्षमता तथा मजबूती है।
अर्थव्यवस्था की स्थिति पर आरबीआई की मासिक पत्रिका में डिप्टी गर्वनर एम डी पात्रा और अन्य अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से लिखे गये लेख में कहा गया है कि मौजूदा आकलन के अनुसार महामारी से केवल घरेलू मांग प्रभावित हुई है। इसमें कहा गया है कि टीका स्वयं से महामारी का खात्मा नहीं करेगा। ‘हमें वायरस के साथ जीना सीखना होगा, टीके के साथ स्वास्थ्य सेवाओं, लॉजिस्टिक और अनुसंधान में निवेश बढ़ाने की जरूरत है।’
लेख के अनुसार, ‘महामारी वास्तविक परिणामों के साथ एक वास्तविक झटका है। इसलिए यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि पुनरुद्धार व्यापार निवेश और उत्पादकता वृद्धि की ठोस नींव पर तैयार हो।’ भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी महामारी की दूसरी लहर से निपटने में लगी है। हालांकि सतर्क रुख के साथ उम्मीद अब लौट रही है।
हालांकि लेख में यह साफ किया गया है कि ये लेखकों के अपने विचार हैं और कोई जरूरी नहीं है कि आरबीआई के विचारों को प्रतिबिंबित करे। इसके अनुसार सकल आपूर्ति स्थिति से जुड़ी कई पहलुओं में स्थिति बेहतर है। इसमें कृषि और संपर्क रहित सेवाएं (डिजिटल सेवाएं) शामिल हैं जो महामारी के बीच अपना काम पहले की तरह कर रही हैं। वहीं औद्योगिक उत्पादन और निर्यात बढ़ा है।
आरबीआई अप्रैल में अमेरिका डॉलर का शुद्ध लिवाल रहा। उसने हाजिर बाजार से शुद्ध रूप से 4.212 अरब डॉलर की खरीद की। केंद्रीय बैंक के आंकड़े के अनुसार आरबीआई ने हाजिर बाजार से 8.182 अरब डॉलर की खरीद की। वहीं उसने 3.97 अरब डॉलर की बिकवाली की। बुधवार को जारी आरबीआई के जून महीने की मासिक पत्रिका से यह पता चला।
आरबीआई ने इस साल मार्च में शुद्ध रूप से 5.699 अरब डॉलर बेचे थे। उसने हाजिर बाजार से 20.25 अरब डॉलर खरीदे जबकि 25.949 अरब डॉलर बेचे। आंकड़े के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 में केंद्रीय बैंक ने हाजिर बाजार से शुद्ध रूप से 68.315 अरब डॉलर खरीदे। उसने हाजिर बाजार से 162.479 अरब डॉलर खरीदे जबकि 94.164 अरब डॉलर बेचे।
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