अपनी पसंद का जिला अध्यक्ष बनवाने के लिए बड़े नेता मैदान में उतरे
इंदौर। भारतीय जनता पार्टी (BJP) में चल रहे संगठन चुनाव (Organization elections) में अपनी पसंद का जिला अध्यक्ष (District president) बनवाने के लिए बड़े नेता (Big leaders) मैदान में उतर गए हैं। इसके साथ ही प्रदेश में इंदौर (Indore) सहित सभी महानगरों को लेकर कोहराम मचा है। इन महानगरों में अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर पार्टी के नेताओं के बीच जबर्दस्त खींचतान की स्थिति बन गई है।
भाजपा के संगठन चुनाव में कल गुरुवार को भोपाल में पार्टी के प्रदेश कार्यालय में सभी जिलों के निर्वाचन अधिकारी और उनके सहायक निर्वाचन अधिकारी को चर्चा के लिए बुलाया गया था। वहां प्रदेश चुनाव पर्यवेक्षक सरोज पांडे, राष्ट्रीय सहसंगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश चुनाव अधिकारी विवेक शेजवलकर के साथ निर्वाचन अधिकारियों और पर्यवेक्षकों ने चर्चा की। पार्टी ने नीतिगत तौर पर यह तय कर लिया है कि चार साल से ज्यादा समय के कार्यकाल वाले जिला अध्यक्षों को रिपीट नहीं किया जाएगा। इस बार पैनल में एक महिला का नाम भी जोडा गया है, ताकि महिलाओं को भी संगठन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जा सके।
सूत्रों के अनुसार पार्टी की ओर से यह कोशिश की जा रही है कि प्रदेश भाजपा के 60 संगठनात्मक जिले में एक दर्जन से ज्यादा जिलों में महिलाओं को कमान सौंप दी जाए। भाजपा मध्य प्रदेश में अपने संगठन में 33 प्रतिशत महिलाओं को जगह देने की तैयारी कर रही है। पार्टी सभी जिलों में रायशुमारी से नाम तय करने की कोशिश कर रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार जिले वार वन टू वन चर्चा पूरी होने के बाद एक दो दिन में जिलाअध्यक्षों की सूची जारी कर दी जाएगी।
पार्टी के नेताओं द्वारा कल जब जिला निर्वाचन अधिकारी और उनके सहायक निर्वाचन अधिकारी से चर्चा करने का कार्य किया गया तो उस दौरान कार्यालय में हलचल तेज रही। कल 1 दिन में ही 60 में से 30 से ज्यादा जिलों को लेकर चर्चा पूरी हो गई है। पार्टी के सभी बड़े नेता अपने अधिक से अधिक समर्थकों को जिला अध्यक्ष के पद पर नियुक्त करवाना चाहते हैं। इसके लिए जबरदस्त तरीके से लाबिंग की जा रही है। इस समय मोटे तौर पर देखा जाए तो भाजपा में इंदौर सहित सभी बड़े शहरों को लेकर जबरदस्त गुटबाजी की स्थिति बन गई है।
बंद कमरे में हुई चर्चा
जिस भी जिला निर्वाचन अधिकारी और उनके सहायक को चर्चा के लिए बुलाया जा रहा था तो उनसे बंद कमरे में चर्चा की जा रही थी। एक कमरे में सभी जिला निर्वाचन अधिकारी और सहायक निर्वाचन अधिकारी बैठे हुए थे। जिस जिले का नंबर आता था, उस जिले के व्यक्ति को चर्चा के लिए दूसरे कमरे में भेज दिया जाता। जब चर्चा हो जाती तो उसे दूसरे दरवाजे से बाहर किया जाता। भाजपा कार्यालय पर कुछ ऐसी व्यवस्था की गई थी कि जिस जिले की चर्चा हो जाए, उससे जिले के निर्वाचन अधिकारी दूसरे जिले के निर्वाचन अधिकारी के साथ संवाद नहीं कर सके।
किसको कितने वोट मिले
सूत्रों ने बताया कि जिला निर्वाचन अधिकारी से जब चर्चा की गई तो उनसे यह पूछा गया कि उनके जिले में अध्यक्ष पद के लिए कितने लोगों के नाम सामने आए हैं। इसमें से किस नाम के व्यक्ति को कितने वोट मिले हैं। किस महिला का नाम सामने आया है और उस नाम के साथ कितने लोगों का समर्थन है। यह जानकारी लेने के बाद दोनों निर्वाचन अधिकारियों को विदा कर दिया गया।
गुप्ता ने बैतूल तो भार्गव ने मंदसौर की स्थिति बताई
इस बैठक में इंदौर के पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता द्वारा बैतूल में संगठन चुनाव की स्थिति बताई गई। पार्टी द्वारा उन्हें उस जिले का निर्वाचन अधिकारी बनाया गया था। इसके साथ ही महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा मंदसौर की स्थिति की जानकारी पार्टी के नेताओं को दी गई। उनके पास मंदसौर में संगठन के चुनाव के लिए रायशुमारी का दायित्व था।
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