इंदौर। एक तरफ भीषण गर्मी पड़ रही है और 40 डिग्री से अधिक तापमान दर्ज हो रहा है। दूसरी तरफ शहर के कई इलाकों में जलसंकट बढऩे लगा है, क्योंकि निजी नलकूप दम तोडऩे लगे हैं। नगर निगम द्वारा 200 टैंकरों से जलसंकट वाले क्षेत्रों में जलापूर्ति की जा रही है। वहीं कई टाउनशिप के लोग महंगा टैंकर का पानी खरीदकर भी इस्तेमाल करने को मजबूर हैं। दूसरी तरफ यह अच्छी बात है कि यशवंत सागर सहित अन्य प्रमुख तालाबों के जल स्तर में अधिक गिरावट नहीं आई और अभी पर्याप्त पानी भरा है। यशवंत सागर से अभी निगम 30 एमएलडी पानी ले रहा है और वर्तमान में इसका जल स्तर 15 फीट है।
अभी अमृत योजना के तहत नए तालाबों को खोदने का अभियान भी शुरू किया जा रहा है, तो नगर निगम भी एक दर्जन तालाबों को विकसित करने जा रहा है। वहीं पुराने तालाबों की सफाई, गाद निकालने, अतिक्रमण से कैचमेंट एरिया को मुक्त कराने सहित अन्य कार्य भी मानसून से पहले कराए जा रहे हैं, ताकि बारिश का पानी अधिक से अधिक सहजा जा सके। गत वर्ष भी चूंकि मानसून मेहरबान रहा और बाद तक बारिश होती रही, जिसके चलते जिले के सभी प्रमुख तालाब या तो लबालब हुए या उनमें अच्छा पानी एकत्रित हो गया। निगम के पूर्व जल समिति अध्यक्ष बलराम वर्मा का कहना है कि यशवंत सागर सहित अन्य तालाबों में अभी अच्छा पानी है। यशवंत सागर की जल संग्रहण क्षमता 19 फीट है और अभी 15 फीट पानी इसमें भरा है। यानी मात्र 4 फीट जल स्तर ही घटा है।
रेवतीरेंज और बर्दरी तालाब देखने पहुंची निगमायुक्त
नगर निगम द्वारा पुराने तालाबों की सुध लेने के साथ नए तालाबों के निर्माण का भी संकल्प लिया गया है। अभी कल निगमायुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल वर्षा जल संग्रहण और भू-जल संरक्षण अभियान के तहत रेवतीरेंज और बर्दरी तालाब का निरीक्षण करने पहुंची। निरीक्षण के दौरान अपर आयुक्त संदीप सोनी, सहायक यंत्री सुनील गुप्ता, मनोज जैन, क्षेत्रीय जोनल अधिकारी नरेंद्र कुरील व अन्य मौजूद थे।
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