नई दिल्ली । दिल्ली के मुख्यमंत्री (Delhi CM) अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा, गैर बीजेपी नेताओं और पार्टियों (Non-BJP Leaders and Parties) पर मुकदमे कर (By Prosecuting) उन्हें खत्म करने की (To Eliminate Them) साजिश हो रही है (There is a Conspiracy) । हमारे कांग्रेस से मतभेद हैं, मगर राहुल गांधी को इस तरह मानहानि मुकदमे में फंसाना ठीक नहीं। जनता और विपक्ष का काम है सवाल पूछना। हम अदालत का सम्मान करते हैं, पर इस निर्णय से असहमत हैं।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को सूरत की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी अब उनके समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने कहा अदालत का सम्मान करते हैं, लेकिन फैसले से सहमत नहीं। सूरत डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के फैसले के बाद केजरीवाल ने कहा कि राहुल गांधी को मानहानि के मुकदमे में फंसाना ठीक नहीं है।
अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को ट्वीट कहा, दिल्ली में मेरे खिलाफ इन लोगों ने पोस्टर लगाए। मुझे इस पर कोई आपत्ति नहीं है। जनतंत्र में जनता को अपने नेता के पक्ष या खिलाफ में अपने विचार रखने का पूरा अधिकार है। मेरे खिलाफ पोस्टर लगाने वालों को गिऱफ्तार न किया जाये।
आप प्रवक्ता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी राहुल गांधी के बचाव में कहा, अलग-अलग मुकदमों में विपक्ष के नेताओं को फंसाया जा रहा है। दर्जनों एफआईआर कर विपक्ष को बताया जा रहा है कि आप आवाज सरकार से सवाल करेंगे तो आपकी जुबान बंद करा देंगे। यह ठीक नहीं है।
फिलहाल आप पार्टी की ओर से राहुल गांधी का बचाव किए जाने के बाद सवाल उठने लगा है कि आखिर दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी ने अपने रुख में बदलाव क्यों किया! माना जा रहा है कि शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी और उसके बाद के हालात को भांपते हुए पार्टी ने कांग्रेस का खुलकर समर्थन करने का निर्णय लिया है। इससे पहले संसद सत्र के दौरान भी कई मौकों पर आप सांसदों ने कांग्रेस नेताओं के साथ मिलकर अडानी मुद्दे का विरोध किया। हालांकि जब कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कुछ कार्रवाई होती है तो ‘आप’ क्यों चुप्पी साधे रखती है।
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