प्रदेश में पुरानी गाडिय़ों के नंबर नई गाडिय़ों पर लेने को लेकर विभाग ने बनाई नई नीति, नंबर लेने के लिए पुराने वाहन का स्क्रैप सर्टिफिकेट जरूरी, लेकिन प्रदेश में अब तक नहीं खुला एक भी स्क्रैप यार्ड
इंदौर, विकाससिंह राठौर।
परिवहन विभाग (Transport Department) द्वारा कुछ दिनों पहले वीआईपी नंबरों ( VIP Numbers) के लिए नई नीति लागू की गई है। इसके तहत वीआईपी नंबरों के शौकीन अपनी पुरानी गाडिय़ों ( Used Vehicles) के वीआईपी नंबर (VIP Numbers) अपनी नई गाड़ी के लिए ले सकेंगे, लेकिन इसके लिए उन्हें पुरानी गाड़ी को अधिकृत स्क्रैप यार्ड में नष्ट करवाने के बाद स्क्रैप सर्टिफिकेट लेना होगा। समस्या यह है कि प्रदेश में एक भी स्क्रैप यार्ड नहीं है। ऐसी स्थिति में कैसे कोई आवेदक अपनी पुरानी गाड़ी का वीआईपी नंबर नई गाड़ी पर ले सकेगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के परिवहन मंत्रालय (Ministry of Transport) ने 11 जनवरी को ही फाइनल नोटिफिकेशन जारी करते हुए वीआईपी नंबरों के लिए नई नीति लागू की है। इसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति अपनी पुरानी गाडिय़ों के वीआईपी नंबरों को अपनी नई गाडिय़ों पर ले सकेगा। इसके लिए उसे वाहन को स्क्रैप करवाने के साथ ही उसका स्क्रैप सर्टिफिकेट परिवहन विभाग में जमा करवाना होगा। इसके साथ ही उसे वीआईपी नंबर लेते वक्त जमा की गई राशि या 15 हजार, जो ज्यादा हो वह जमा करवाना होगा। इसके बाद वाहन मालिक अपने नाम पर ही उसी कैटेगरी के नए वाहन पर पुराने वाहन का वीआईपी नंबर प्राप्त कर सकेगा। विभाग द्वारा लागू की गई इस योजना से लोग काफी उत्साहित हैं, लेकिन इसमें सबसे बड़ी समस्या यह है कि शासन की स्क्रैप पॉलिसी के तहत अब तक प्रदेश में एक भी स्क्रैप यार्ड शुरू नहीं हुआ है। इसके चलते वाहन मालिक अपने वाहनों को कहां पर स्क्रैप करवाएंगे और ये सर्टिफिकेट प्राप्त करते हुए वीआईपी नंबर ट्रांसफर करवा पाएंगे?
स्क्रैप यार्ड के लिए विभाग को मिल रहे आवेदन
केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा पुराने वाहनों को खत्म करने के लिए नई स्क्रैप पॉलिसी ( Scrap Policy) तैयार की गई है। इसके तहत अगर वाहन मालिक अपने पुराने वाहन को स्क्रैप करवाता है तो उसे उस सर्टिफिकेट की मदद से नया वाहन लेने पर वाहन की कीमत और टैक्स में कुछ प्रतिशत की छूट मिलेगी। इसके लिए शासन ने स्क्रैप यार्ड बनाने के नई गाइड लाइन भी जारी है। इस गाइड लाइन के तहत कोई भी व्यक्ति जरूरी जमीन सहित औपचारिकताएं पूरी करने पर स्क्रैप यार्ड शुरू कर सकता है। इस नियम के बाद प्रदेश में कई लोगों ने स्क्रैप यार्ड शुरू करने के लिए आवेदन भी किए हैं। विभाग इनकी जांच कर रहा है।
स्क्रैप यार्ड शुरू होने तक विभाग बना रहा अस्थायी व्यवस्था
आरटीओ जितेंद्रसिंह रघुवंशी (RTO Jitendrasinh Raghuvanshi) ने बताया कि जब तक स्क्रैप यार्ड शुरू नहीं हो जाते, तब तक विभाग अस्थायी तौर पर वाहन मालिक के पुराने वाहन का नंबर नए वाहन पर शिफ्ट करने के लिए योजना बना रहा है कि वाहन मालिक को पुराने वाहन का रजिस्ट्रेशन निरस्त करवाना होगा। इसके लिए उसे चेचिस काटकर देना होगा। इस आधार पर रजिस्ट्रेशन निरस्त करने के साथ ही उसे स्क्रैप मान लिया जाएगा और नंबर ट्रांसफर किया जाएगा। अभी यह व्यवस्था लागू नहीं की गई है, लेकिन इस पर काम चल रहा है।
अस्थाई व्यवस्था में वाहन मालिक को होगा नुकसान
स्क्रैप यार्ड (Scrap Yard) शुरू होने तक विभाग जिस अस्थायी व्यवस्था को तैयार कर रहा है, उससे वाहन मालिक को नंबर तो मिल जाएगा, लेकिन उसे काफी नुकसान भी है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर ऐसा होता भी है तो इससे वाहन मालिक को अधिकृत स्क्रैप यार्ड से मिलने वाले स्क्रैप सर्टिफिकेट के आधार पर नया वाहन लेने पर मिलने वाली छूट का लाभ नहीं मिल पाएगा। इसके चलते इसके सफल होने पर सवालिया निशान हैं।
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