इंदौर, प्रियंका जैन देशपांडे। इंदौर शहर (Indore City) में पुरुषों के इलाज के लिए कोई सरकारी सुविधा नहीं हैं। ग्रामीण क्षेत्रों (rural areas) में तो इलाज मुहैया हो जाएगा, लेकिन शहरी क्षेत्र में यदि उल्टी, दस्त, डिहाइड्रेशन जैसी छोटी परेशानी हुई तो भर्ती होने के लिए एक भी अस्पताल मौजूद नहीं है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखने और उन्हें पोषण आहार के साथ-साथ बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए निर्देश देने के साथ-साथ सख्ती भी बरतते रहते हैं, लेकिन उनके इस फरमान को पूरा करते-करते स्वास्थ्य विभाग पुरुषों को भूल ही गया है। लगभग 800 से अधिक बेड वाले छोटे और बड़े 11 अस्पतालों और नर्सिंग होम होने के बावजूद भी एक भी अस्पताल में पुरुष मरीज को भर्ती की सुविधा नहीं है।
एकमात्र महू मे इलाज संभव
जिला अस्पताल के निर्माणाधीन होने के बाद से एकमात्र सिविल अस्पताल महू क्षेत्र के लोगों को महिलाओं-पुरुषों सहित बच्चों सहित सभी वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जा रहीा है, लेकिन इंदौर शहर में छोटी से छोटी परेशानी के लिए पुरुषों को प्राइवेट अस्पतालों के भरोसे ही रहना पड़़ रहा है। प्रोस्ट्रेड और हार्निया जैसी छोटी-छोटी सर्जरी भी अपने खर्च से प्राइवेट अस्पतालों में कराने को मजबूर हैं। महू, सांवेर, देपालपुर, बेटमा जैसे ग्रामीण क्षेत्र के अस्पताल ही पुरुषों के लिए मदद मुहैया करा रहे हैं, लेकिन शहरी क्षेत्र में कोई सुविधा नहीं है।
अस्पतालों में बेडो की संख्या और स्थिति
जिला अस्पताल 300 बेड निमार्णाधीन सिर्फ प्रसूति सेवा चालू
प्रकाशचंद सेठी 100 बेड प्रसूति सेवा
नंदानगर 50 बेड प्रसूति सेवा
अरण्य नगर 50 बेड प्रसूति सेवा
मांगीलाल चूरिया 30 बेड प्रसूति सेवा
सिविल डिस्पेंसरी मल्हारगंज 30 बेड प्रसूति सेवा
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सांवेर 50बेड प्रसूति सेवा
सिविल अस्पताल खजराना 100 बेड वर्तमान में कार्यरत नहीं
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर 30 बेड प्रसूति सेवा
सिविल अस्पताल महू 100 बेड
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देपालपुर 30बेड प्रसूति सेवा
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेटमा 30 बेड प्रसूति सेवा
आयुष्मान चिन्हित अस्पतालों के भरोसेइंदौर शहर में 52 निजी अस्पतालों को आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने के लिए चिन्हित किया गया है, जिसमें से 9 सरकारी अस्पतालिों में भी आयुष्मान योजना के तहत सरकारी सहायता दिलाकर इलाज कराया जाता है, लेकिन पुरुषों को एकमात्र एमवाय अस्पताल में भर्ती रहकर इलाज करवाना पड़ रहा है। एमवाय अस्पताल में बाहरी मरीजों की भीड़ अधिक होने के कारण छोटी-छोटी सर्जरियों के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ता है।
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