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    भगवान महाकालेश्वर के लिये पैसे की कोई कमी नहीं: शिवराज

    January 12, 2021

    उज्जैन। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को त्रिवेणी संग्रहालय के ऑडिटोरियम में महाकाल विकास योजना का प्रजेंटेशन देखा एवं 500 करोड़ रुपये की लागत के फेज-1 एवं फेज-2 के निर्माण कार्यों को स्वीकृति प्रदान करते हुए निर्माण कार्यों को आगे बढ़ाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि भगवान महाकाल के लिए पैसे की कमी नहीं है। इस योजना से विस्थापित होने वाले व्यक्तियों, दुकानदारों, छोटे-मोटे धंधे करने वाले व्यक्तियों का भी विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने योजना के विभिन्न घटकों का नामकरण उज्जैन की परम्परा एवं संस्कृति के आधार पर करने के लिये कहा है। उन्होंने देश एवं विदेश में इस तरह के निर्माण कार्यों में जहां-जहां अच्छे प्रयोग हुए हैं, उनका अनुकरण कर कार्य करने को कहा है।

    मुख्यमंत्री ने योजना के तहत अन्नक्षेत्र एवं प्रवचन हॉल व धर्मशाला के लिये स्थान चिन्हित करने के लिये पुन: विचार करने के लिये कहा है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि नये प्रवचन हॉल, धर्मशाला आदि का जैसे-जैसे निर्माण कार्य आगे बढ़ता जाये, वैसे-वैसे पुराने निर्माण हटाए जाएं। उन्होंने प्रजेंटेशन के बाद त्रिवेणी संग्रहालय की छत पर जाकर रूद्र सागर में किये जा रहे निर्माण कार्यों का अवलोकन किया तथा कहा कि विस्तार से अवलोकन के लिये एक बार फिर आऊंगा।

    कलेक्टर आशीष सिंह ने महाकाल विकास योजना का प्रजेंटेशन दिया तथा योजना से सम्बन्धित लगभग आठ मिनट की वीडियो फिल्म का प्रदर्शन किया गया। प्रजेंटेशन के समय मुख्यमंत्री के साथ उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, कृषि मंत्री कमल पटेल, स्कूल शिक्षा एवं सामान्य प्रशासन मंत्री इंदरसिंह परमार, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीपसिंह डंग, उज्जैन सांसद अनिल फिरोजिया, देवास सांसद महेन्द्रसिंह सिसौदिया, विधायक पारस जैन, बहादुरसिंह चौहान, मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष माखनसिंह, संभागायुक्त आनन्द कुमार शर्मा, आईजी राकेश गुप्ता, पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, जनअभियान परिषद के उपाध्यक्ष विभाष उपाध्याय सहित अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

    महाकाल विकास योजना अनुमानित लागत 500 करोड़ रुपये
    महाकाल क्षेत्र विकास योजना पर आधारित फिल्म एवं पीपीटी का प्रजेंटेशन बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह ने मुख्यमंत्री एवं अन्य मंत्रीगणों के समक्ष प्रस्तुत किया। कलेक्टर ने बताया कि परियोजना के क्रियान्वयन से महाकालेश्वर मन्दिर का क्षेत्रफल वर्तमान स्थिति से 8 से 10 गुना बढ़ जायेगा। बताया गया कि प्रथम चरण में महाकाल प्लाजा, महाकाल कॉरिडोर, मिडवे झोन, महाकाल थीम पार्क, घाट एवं डेक एरिया, नूतन स्कूल कॉम्पलेक्स, गणेश स्कूल कॉम्पलेक्स, पार्किंग, धर्मशाला, प्रवचन हॉल एवं अन्नक्षेत्र का निर्माण होगा। द्वितीय चरण में महाराजवाड़ा, रूद्र सागर जीर्णोद्धार, छोटा रूद्र सागर लेक फ्रंट, रामघाट का सौन्दर्यीकरण, पार्किंग एवं पर्यटन सूचना केन्द्र, हरिफाटक पुल का चौड़ीकरण एवं रेलवे अण्डरपास तथा रूद्र सागर पर पैदल पुल, महाकाल द्वार, बेगमबाग मार्ग का विकास, रूद्र सागर पश्चिमी मार्ग तथा महाकाल पहुंच मार्ग का उन्नयन किया जायेगा।

    जानकारी दी गई कि महाकाल कॉरिडोर के तहत प्रथम घटक में पैदल चलने हेतु उपयुक्त 200 मीटर लम्बा मार्ग बनाया जायेगा। 25 फीट ऊंची एवं 500 मीटर लम्बी म्युरल वाल बनाई जा रही है। 108 शिवस्तंभ शिव की विभिन्न मुद्राओं सहित निर्मित हो रहे हैं, लोटस पोंड, ओपन एयर थिएटर तथा लेकफ्रंट एरिया और ई-रिक्शा व आकस्मिक वाहनों हेतु मार्ग तैयार किया जा रहा है।

    मिडवे झोन के अन्तर्गत पूजन सामग्री की दुकानें, फूडकोर्ट, लेकव्यू रेस्टोरेंट, लेकफ्रंट डेवलपमेंट, जनसुविधाएं, टॉवर सहित निगरानी एवं नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की जा रही है। महाकाल थीम पार्क के अन्तर्गत महाकालेश्वर की कथाओं से युक्त म्युरल वाल, सप्त सागर हेतु डेक एरिया तथा डेक के नीचे शापिंग क्षेत्र, बैठक क्षेत्र सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। इसी तरह त्रिवेणी संग्रहालय के समीप कार, बस व दोपहिया वाहन की पार्किंग बनाई जा रही है। इसी क्षेत्र में धर्मशाला व अन्नक्षेत्र भी प्रस्तावित है। कोबल्ड स्टोन की रोड क्रॉसिंग के जरिये पदयात्रियों की कनेक्टिविटी विकसित की जा रही है।महाकालेश्वर थाने के पास स्थित महाकाल द्वार का संरक्षण किया जायेगा तथा यहां पर हेरिटेज कॉरिडोर विकसित किया जायेगा। इसी तरह बेगमबाग क्षेत्र का विकास एवं सौन्दर्यीकरण होगा। रूद्र सागर पर 210 मीटर लम्बा पैदल पुल बनाया जायेगा, जो पीएचई की पानी की टंकी से महाकाल थीम पार्क को जोड़ेगा। महाकाल मन्दिर परिसर के अग्रभाग का विस्तारीकरण किया जायेगा। उक्त सभी योजना मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदित की गई।

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