मंडला। शहर की यातायात व्यवस्था और पार्किंग नपा के जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई है। बाजार पहुंचने वाले वाहन चालकों के वाहनों को खड़े करने के लिए कोई सुरक्षित पार्किंग स्थल का निर्माण अब तक नहीं कराया गया है। वहीं दूसरी ओर यातायात व्यवस्था बनाने के लिए जो कुछ प्रयास किए भी गए वे भी सिर्फ दिखावटी साबित हो रहे हैं। जिसका बड़ा उदाहरण शहर के चिलमन चैक में लगा ट्रेफिक सिग्नल है। यहां सिग्नल तो लगा दिया गया है लेकिन यहां वाहनों को रूकने के लिए संकेतक जो बनाए गए थे वे अब ओझल हो चुके हैं। यही हाल यहां जेब्रा क्रॉसिंग के भी हैं। इसके साथ ही नपा द्वारा मनमाने तरीके से ठेला संचालकों को जगह दे दी जाती है जिससे आए दिन जाम की स्थिति निर्मित होती है। कई बार वाहन चालकों द्वारा किसी दुकान के सामने वाहन पार्क कर दिया जाता है तो विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती है।
चिलमन चैक में लगाया गया सिग्नल
शहर में मात्र चिलमन चैक में ट्रेफिक सिग्नल लगाया गया है, जबकि कई अन्य स्थानों में भी ट्रेफिक का दवाब अधिक होता है, तहसील कार्यालय के पास अग्रसेन महाराज चैक, नेहरू स्मारक, बिंझिया चैराहा, लालीपुर चैराहा में भी अपेक्षाकृत यातायात का दवाब अधिक होता है जहां ट्रेफिक सिग्नल लगाए जाने चाहिए। हालांकि चिलमन चैक में ही जो सिग्नल लगाया गया है उसी का नगरपालिका समुचित तरीके से संचालन नहीं करा पा रहे हैं।
मिट गया जेब्रा क्रॉसिंग निशान
चिलमन चैक में चारों तरफ से जो वाहन यहां पहुंचते हैं अचानक रेड सिग्नल होने पर वाहनों को यहां रूकना पड़ता है लेकिन वाहन चालक यहां मनमाने ढंग से अपने वाहनों को खड़ा करते हैं। इससे सामने से आने वाले वाहनों को आगे बढऩे के लिए पर्याप्त स्थान नहीं मिल पाता है। जेब्रा क्रॉसिंग के साइन भी यहां पूरी तरह मिट चुके हैं। लोगों को अब पता ही नहीं चलता कि जेब्रा क्रॉसिंग कहां बनी हुई है। इस तरह यातायात विभाग और नगरपालिका द्वारा शहर में एक मात्र ट्रेफिक सिग्नल के नियमों का पूरी तरह पालन नहीं कराया जा रहा है। कई दिनों यह सिग्नल बंद रहता है। कई बार इसका कारण बिजली बिल अधिक आना तक बताया गया है।
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