इंदौर (Indore)। प्राधिकरण ने पिछले दिनों 1 5 किलोमीटर लम्बे अहिल्यापथ में शामिल 1400 हेक्टेयर जमीन पर 5 नई टीपीएस योजनाएं घोषित की हैं, जिनमें लगभग 100 एकड़ जमीनों पर 2 दर्जन अभिन्यासों की मंजूरी हो चुकी है। हालांकि प्राधिकरण ने इन जमीनों को भी योजना में शामिल कर लिया है। वहीं बोर्ड ने संकल्प पारित कर अब शासन को इन योजनाओं की मंजूरी के लिए भी पत्रभेज दिया है। दूसरी तरफ कलेक्टर ने इन जमीनों पर अभिन्यास मंजूर करने पर रोक भी लगा दी, जिसके खिलाफ तीन जमीन मालिकों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की, जिस पर सुनवाई के बाद फिलहाल कोई राहत इन जमीन मालिकों को नहीं मिल सकी है। यानी नगर तथा ग्राम निवेश कोई भी नए अभिन्यास इन जमीनों पर मंजूर नहीं करेगा। 10 सितम्बर या उसके बाद हाईकोर्ट इस मामले में फिर अगली सुनवाई करेगा।
अग्रिबाण ने ही इस बात का खुलासा किया था कि प्राधिकरण की योजना में शामिल जमीनों पर बीते कुछ महीनों में नगर तथा ग्राम निवेश ने कई अभिन्यास मंजूर कर दिए हैं। दरअसल, इन योजनाओं की जानकारी कॉलोनाइजरों-बिल्डरों से लेकर रसूखदारों को मिल गई और उन्होंने धड़ाधड़ जमीनें तो खरीदी ही, साथ में अभिन्यास भी मंजूर करवा लिए, ताकि योजना में जमीनें शामिल न हो सकें और उसका लाभ भी उन्हें अलग से मिल जाए, क्योंकि प्राधिकरण 15 किलोमीटर का अहिल्या पथ बनाएगा, जिसके चलते दोनों तरफ की जमीनों के दाम कई गुना बढ़ जाएंगे। अभी 16 अगस्त को प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में 5 नई टीपीएस योजनाएं मंजूर की गई, जिसमें नैनोद, रीजलाय, बुड़ानिया, बड़ा बांगड़दा, पालाखेड़ी, लिम्बोदागारी, रेवती और बरदरी की लगभग 1400 हेक्टेयर यानी लगभग साढ़े 3 हजार एकड़ जमीनें शामिल की गई।
रीजलाय से रेवती तक मास्टर प्लान में घोषित 15 किलोमीटर लम्बा और 75 मीटर चौड़ा मार्ग प्राधिकरण बनाएगा, जिसे अहिल्या पथ नाम दिया गया है। अभी 3 दिन पहले प्राधिकरण ने बोर्ड संकल्प के साथ इन पांचों योजनाओं में शामिल जमीनों, उनके खसरों सहित अन्य जानकारी शासन को भिजवा दी है, ताकि वहां से मंजूरी मिल सके। साथ ही धारा 50 (1) में इन योजनाओं का नोटिफिकेशन भी कल जारी हो जाएगा। प्राधिकरण बोर्ड में पांचों योजनाओं का निर्णय लेने के साथ ही कलेक्टर आशीष सिंह ने उसी दिन से इन जमीनों पर नए अभिन्यासों की मंजूरी पर रोक लगवा दी, जिसके चलते नगर तथा ग्राम निवेश ने प्राप्त आवेदनों पर कोई निर्णय नहीं लिया, जिसके चलते कुछ जमीन मालिकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और यह तर्क दिया कि अभी चूंकि धारा 50 (1) के तहत इन योजनाओं का नोटिफिकेशन नहीं हुआ है। लिहाजा तब तक नगर तथा ग्राम निवेश अभिन्यास मंजूरी से इनकार नहीं कर सकता है और ना ही इसके लिए प्राधिकरण की एनओसी लेने की जरूरत है।
दूसरी तरफ प्राधिकरण के वकीलों ने भी अपने पक्ष में तर्क रखे और बताया कि अभी 29 अगस्त को ही प्राधिकरण ने धारा 50 (1) के तहत नोटिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है और 15 दिन की समय सीमा 12 सितम्बर को खत्म होगी। लिहाजा फिलहाल अभिन्यास मंजूर नहीं होना चाहिए। हाईकोर्ट ने भी इन तर्कों से सहमत होते हुए कहा कि चूंकि योजनाओं को लागू करने की प्रक्रियाशुरू हो गई है, लिहाजा फिलहाल कोई अभिन्यास मंजूरी संबंधित निर्देश नहीं दिए जा रहे हैं और 10 सितम्बर या उसके बाद इस पर जवाब आने और फिर सुनवाई की जाएगी। यानी फिलहाल जमीन मालिकों को अभिन्यास मंजूरी के मामले में कोई राहत नहीं मिल सकी है। दूसरी तरफ योजना में शामिल गांवों के लोगों को अवश्य यह चिंता हो गई कि उनके मकान-दुकान टूटेंगे, जिसके चलते अभी जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने अपने क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए रेसीडेंसी में चर्चा की और सडक़ पर बैठकर ही उनकी बात सुनी और मौके पर प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार को भी बुलाया।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved