नई दिल्ली। अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) द्वारा ब्याज दरों (Interest rates) में 50 आधार अंकों की कटौती (Reduction of 50 basis points) के फैसले से आरबीआई (RBI) की अक्टूबर नीति में तत्काल प्रतिक्रिया की कोई संभावना नहीं है। हालांकि, यह रुपये पर दबाव (Pressure on rupee) कम करके और ग्लोबल मार्केट तक पहुंच रखने वालों के लिए उधार लेने की लागत कम करके भारत को फायदा पहुंचा सकता है। भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) के चेयरमैन सी.एस. शेट्टी ने कहा है कि खाद्य मुद्रास्फीति (Food inflation) के मोर्चे पर अनिश्चितता को देखते हुए आरबीआई इस साल प्रमुख नीतिगत दर में संभवत कटौती नहीं करेगा। शेट्टी ने कहा, इस साल नीतिगत दर में संभवत कटौती नहीं होगी। जबतक खाद्य मुद्रास्फीति नीचे नहीं आती, तबतक कटौती मुश्किल है।
निवेशक रहें सतर्क
एक रिपोर्ट के मतुाबिक इक्विटी बाजार में 25-50 आधार अंकों (100 बीपीएस = 1 प्रतिशत ) के रेट कट से निवेशकों को सतर्क रहने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है, क्योंकि यह तेज कटौती इस बात का संकेत है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था अभी जो दिख रही है, उससे कहीं अधिक तेजी से कमजोर हो सकती है। 50 बीपीएस दर कटौती चार वर्षों से अधिक समय में पहली बार हुई है।
कम फेड रेट से डॉलर होगा कमजोर
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, “फेड का फैसला अपेक्षित है और इससे बॉन्ड यील्ड में थोड़ी कमी आ सकती है। आरबीआई मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा और जब तक मुद्रास्फीति स्थायी आधार पर कम नहीं होती, तब तक प्रतिक्रिया करने की संभावना नहीं है। कम फेड रेट डॉलर को थोड़ा कमजोर करेगी, जिससे रुपये को स्थिर करने में मदद मिलेगी।”
बाजार की अपेक्षाओं से अधिक कटौती
मैक्वेरी रिसर्च के अनुसार, एनबीएफसी को अमेरिकी दरों में कटौती से लाभ हो सकता है, लेकिन बैंकों का प्रदर्शन ब्याज दरों में कटौती की तुलना में एनपीए साइकिल पर अधिक निर्भर करता है। इनवेस्को म्यूचुअल फंड के सीआईओ ताहिर बादशाह के अनुसार, इक्विटी फंड मैनेजरों में फेड द्वारा की गई 50 बीपीएस की कटौती बाजार की 25 बीपीएस की कटौती की अपेक्षाओं से कहीं आगे है और इससे बाजार में एक मजबूत शुरुआती सकारात्मक आश्चर्य पैदा होना चाहिए। हालांकि, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ के सीओ-सीआईओ इक्विटी अनीश तवाकले का नजरिया इससे उलट है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved