इंदौर। लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार हुई शहर भजपा की कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस से आए नेताओं को दूर ही रखा गया। उन्हें कार्यसमिति की सूचना नहीं दी गई। हालांकि इसके पीछे पदाधिकारियों का कहना कि उनके पास फिलहाल पार्टी में कोई पद नहीं है, इसलिए वे बैठक में अपेक्षित नहीं थे।
कल दीनदयाल भवन में भाजपा कार्यसमिति की बैठक हुई। लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार हुई इस बैठक में पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, संगठन प्रभारी राघवेन्द्र गौतम, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक रमेश मेंदोला, गोलू शुक्ला, मधु वर्मा और महेन्द्र हार्डिया सहित नगर पदाधिकारी और मोर्चा के पदाधिकारी ही मौजूद रहे। लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस से भाजपा में आने वाले संजय शुक्ला, विशाल पटेल, पंकज संघवी, अक्षय बम, स्वप्निल कोठारी, लक्ष्मीनारायण मिमरोट सहित कई कांग्रेसियों को बैठक में नहीं बुलाया गया। हालांकि कार्यसमिति के नाम पर यह बैठक आने वाले कार्यक्रमों को लेकर थी। संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि भाजपा का एक प्रोटोकाल है और इसी के तहत बैठक में कौन आएगा और कौन नहीं आएगा, यह तय किया जाता है। वैसे भी अभी कांग्रेस से आए नेताओं के पास कोई पद है नहीं, इसलिए भी उन्हें बैठक से दूर ही रखा गया। बैठक में गुरु पूर्णिमा के कार्यक्रम करने पर जोर दिया गया है, वहीं 28 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम में ें भी अनिवार्य रूप से सभी कार्यकर्ताओं को शामिल करने के लिए कहा गया है।
चार विधायक ही पहुंचे बैठक में
बैठक में शहरी क्षेत्र के 6 विधायकों में से मात्र 4 विधायक ही पहुंच पाए। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भोपाल में कैबिनेट की बैठक होने के कारण नहीं आ पाए तो 4 नंबर की विधायक मालिनी गौड़ नदारद रहीं। केवल रमेश मेंदोला, गोलू शुक्ला, मधु वर्मा और महेन्द्र हार्डिया ही बैठक में नजर आए। सावन सोनकर भी बैठक से गायब रहे। प्रताप करोसिया, जयपाल चावड़ा जरूर बैठक में पहुंचे।
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