पटवारी प्रदेश में व्यस्त, शहर और जिला अध्यक्ष की कोई नहीं सुन रहा
इन्दौर। पूरे प्रदेश में जिस तरह से कांग्रेस (Congress) छोडक़र (leaving) जाने की होड़ (competition) मची है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में एक भी ऐसा नेता ( leaders) नहीं बचा है, जो इन लोगों को मना सके। शहर में भी कोई बड़ा नेता नहीं बचा, जिसकी बात कांग्रेसी माने। शहर और जिलाध्यक्ष का यूं भी कोई दबाव-प्रभाव या समझाइश समझ नहीं आ रही है, वहीं वरिष्ठ नेताओं ने भी इस मामले में अपने हाथ खींच रखे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद एक तरह से जीतू पटवारी ने इंदौर से किनारा कर लिया है। उनके रहते ही कांग्रेस के बड़े नेता भाजपा में शामिल हो गए और कांग्रेस कमजोर हो रही है। विरोधी इसे हवा दे रहे हैं कि पटवारी के कार्यकाल में ही ऐतिहासिक दलबदल हुआ है। अब 25 तारीख का इंतजार किया जा रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री के सामने कांग्रेस के दो से तीन पार्षद, पूर्व पार्षद, पूर्व पंच-सरपंच और पंचायतों के सदस्य भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। इसके लिए दलाल बाग में तैयारी की जा रही है। दावा तो 10 हजार कार्यकर्ताओं का किया जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या 1 नंबर और देपालपुर विधानसभा से रहेगी। जो लोग कांग्रेस छोडक़र जा रहे हैं, उनको मनाने या रोकने में एक भी नेता दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। कारण इंदौर शहर कांग्रेस में ऐसा कोई सर्वमान्य नेता नहीं बचा, जो इन्हें समझा सके। कमलनाथ, दिग्विजयसिंह और पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा एक तरह से इंदौर की राजनीति से दूर हैं, वहीं स्थानीय नेताओं में शहर अध्यक्ष सुरजीतसिंह, जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव, कृपाशंकर शुक्ला, सुरेश मिंडा जैसे नेता भी कुछ कर नहीं पा रहे हैं। कभी इंदौर कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, लेकिन पहली बार इस तरह की हालत देखने को मिल रही है।
सोनिला पहुंची शुक्ला से मिलने
विवादों के बीच महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनाई गई सोनिला मिमरोट कल कृपाशंकर शुक्ला से मिलने पहुंच गई। सोनिला को शुक्ला के भतीजे स्व. अनिल यादव की पुत्री साक्षी शुक्ला को हटाकर अध्यक्ष बनाया गया है। सोनिला को शुक्ला ने न केवल मिठाई खिलाई, बल्कि शाल ओढ़ाकर उनका सम्मान भी किया।
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