डेस्क: जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) विधानसभा (Assembly) में अनुच्छेद 370 (Article 370) को बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव लाया गया, जिस पर बवाल मचा हुआ है. विधानसभा में स्थिति हंगामे के साथ-साथ हाथापाई तक पहुंच गई. विधायकों ने जमकर नारेबाजी की, पोस्टर फाड़े और एक-दूसरे के साथ धक्का-मुक्की की. विपक्ष यानी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने यहां तक कहा कि पाकिस्तानी एजेंडा नहीं चलने वाला है. वहीं, अब कांग्रेस (Congress) का आरोप है की बीजेपी गुमराह कर रही है. प्रस्ताव में 370 का कोई जिक्र भी नहीं है.
जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस उपाध्यक्ष रविंदर शर्मा ने कहा, ‘बीजेपी भावनात्मक मुद्दों पर लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है. प्रस्ताव में अनुच्छेद 370 या अनुच्छेद 35-ए का कोई जिक्र नहीं है, लेकिन बीजेपी की टॉप लीडरशिप महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों से पहले कांग्रेस के खिलाफ देश को गुमराह करने के लिए शोर मचा रही है.’
उनका कहना है कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली को लेकर प्रतिबद्ध है. वह किसी भी तरह की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि प्रस्ताव में विशेष दर्जे की बहाली की मांग की गई है, जिसका मतलब है जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा और भूमि, नौकरी, प्राकृतिक संसाधनों और सांस्कृतिक पहचान की संवैधानिक गारंटी, लेकिन बीजेपी गलत धारणा बनाने की कोशिश कर रही है.
दरअसल, जम्मू-कश्मीर के विशेष सत्र में एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें क्षेत्र के 2019 में समाप्त किए गए विशेष दर्जे को वापस लाने के लिए ‘भारत सरकार को निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बातचीत शुरू करने’ की अपील की गई. प्रस्ताव का विरोध बीजेपी के विधायकों ने किया. सदन में जमकर हंगामा हुआ और भगवा पार्टी की ओर से ‘भारत माता की जय’ और ‘प्रस्ताव वापस लो’ और ‘जिस कश्मीर को खून से सींचा है वो कश्मीर हमारा है’ के नारे लगाए गए. वहीं, विधानसभा में नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों की ओर से ‘जम्मू कश्मीर की आवाज किया? 370 और क्या’ के नारे लगे.
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