उज्जैन। चिंतामण जवासिया मार्ग पर लगभग 4 साल पहले नगर निगम ने सवा दो करोड़ की लागत से कपिला गौशाला का निर्माण किया था। तभी से लेकर अब तक कपिला गौशाला में शहर से पकड़कर भेजे गए मवेशियों को रखा जा रहा है। पिछले कई दिनों से इस गौशाला का संचालन कर्मचारियों के भरोसे ही चल रहा है क्योंकि यहाँ के प्रभारी अधिकारी की सेवानिवृत्ति हो चुकी है। शहर को आवारा मवेशियों से मुक्त कराने के लिए पिछले भाजपा बोर्ड के कार्यकाल में चिंतामण जवासिया मार्ग पर कपिला गौशाला का निर्माण कराया गया था। यहाँ मवेशियों को रखने के लिए शुरुआत में एक शेड बनाया गया था जिसमें लगभग 250 मवेशियों को रखे जाने की क्षमता थी लेकिन बाद में यहाँ दो शेड और बढ़ाए गए थे और मवेशियों को रखने की क्षमता 750 तक हो गई थी। कपिला गौशाला में आज से लगभग 3 साल पहले एक के बाद एक मवेशियों की मौत होने का मामले सामने आए थे।
इसे लेकर पिछले भाजपा बोर्ड में विपक्ष की भूमिका निभाते हुए कांग्रेस पार्षदों ने कई बार सत्ता पक्ष को घेरा था और कपिला गौशाला में शहर से पकड़े गए मवेशियों को रखने तथा उनके दाना पानी से लेकर उपचार तक की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए थे। एक बार तो कपिला गौशाला में लगभग 1 दर्जन गायों की मौत हो गई थी और यह मामला खूब गर्माया था। उस दौरान सहायक आयुक्त बी.के. शर्मा कपिला गौशाला के प्रभारी रहे थे। इस मामले के बाद उनसे यह प्रभार तत्कालीन निगमायुक्त ने वापस ले लिया था और मरीज हुई गायों का पशु चिकित्सकों से पीएम भी करवाया गया था जिसमें आई रिपोर्ट में इन मवेशियों के मरने के पीछे पॉलीथिन खा लेने की बात सामने आई थी। इस पर विपक्ष ने कपिला गौशाला में सत्ता पक्ष पर यहाँ रखे गए मवेशियों के लिए उचित चारे और पानी की व्यवस्था नहीं करने के आरोप भी लगाए थे। धीरे-धीरे यह मामला शांत हो गया था और इसके बाद भी यहाँ सर्दी के दिनों में मवेशियों के मरने के मामले सामने आते रहे। इधर साल 2020 में कोरोना महामारी शुरु होने के बाद से लेकर अब तक नगर निगम ने शहर से मवेशी पकडऩे की मुहिम लगभग बंद कर रखी है। मिली जानकारी के मुताबिक अभी भी कपिला गौशाला में 700 के लगभग मवेशी मौजूद हैं। यहाँ का प्रभार राजस्व निरीक्षक विक्रमसिंह पंड्या को सौंपा गया था परंतु कुछ माह पूर्व श्री पंड्या सेवानिवृत्त हो गए। इसके बाद से नगर निगम प्रशासन ने अभी तक कपिला गौशाला का प्रभारी अधिकारी किसी को नियुक्त नहीं किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम द्वारा तैनात दो-तीन कर्मचारी ही कपिला गौशाला की व्यवस्थाएँ देख रहे हैं।
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