नई दिल्ली। दिल्ली (Delhi) की हवा (Air Pollution) बहुत खराब है। धीमी हवाओं ने सोमवार को राजधानी को धुंध की चादर (Sheet of gauze) में जकड़ लिया, जिससे एक्यूआई (AQI) लगातार 13वें दिन ‘बहुत खराब’ स्तर पर रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) (Central Pollution Control Board (CPCB) के डेली बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली में 24 घंटे का औसत एक्यूआई 352 (Average AQI 352) दर्ज किया गया, जिसमें एक दिन पहले दर्ज किए गए 334 (‘बहुत खराब’) एक्यूआई से मामूली गिरावट देखी गई। विशेषज्ञों ने कहा कि वीकेंड में लगभग 10 किलोमीटर प्रति घंटे (किमी/घंटा) की गति से हवाएं चलीं, लेकिन सोमवार को यह घटकर लगभग 4-6 किमी/घंटा रह गई, जिससे प्रदूषक ट्रैप हो गए और उनका फैलाव और भी मुश्किल हो गया। हालांकि अगले तीन दिनों में हवा की गति में मामूली तेजी की उम्मीद है, लेकिन गुरुवार तक एक्यूआई के ‘बहुत खराब’ रहने का अनुमान है।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा कि सुबह के शुरुआती घंटों में कोहरा छाया रहा, जबकि दोपहर के समय स्मॉग रहा। सुबह 7 बजे सफदरजंग वेधशाला में सबसे कम विजिबिलिटी 700 मीटर दर्ज की गई। आईएमडी के अनुसार, कोहरे की स्थिति तब दर्ज की जाती है जब विजिबिलिटी 1,000 मीटर से कम और सापेक्ष आर्द्रता 75 प्रतिशत से अधिक हो। यदि सापेक्ष आर्द्रता 75 फीसृदी से कम है, तो इसे स्मॉग कहा जाता है।
पराली की हिस्सेदारी घटी
आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा, ‘दिल्ली में दिन के समय खासतौर से धुंध छाई रही और हवा की गति 6 किलोमीटर प्रति घंटे से कम रही। हवा की दिशा बदलती रही।’ उन्होंने कहा कि अगले तीन दिनों तक हवा की दिशा मुख्य रूप से पूर्वी रहेगी। दिल्ली के पीएम 2.5 में पराली जलाने की हिस्सेदारी में भी कमी आई है। केंद्र के डिसिजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के आंकड़ों से पता चला है कि रविवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 15.3 प्रतिशत थी।
जहांगीरपुरी, रोहिणी और वजीरपुर की हवा दमघोटू
दिल्ली के तीन इलाकों रोहिणी, वजीरपुर और जहांगीरपुरी का वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 अंक पार यानी गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। सोमवार को प्रदूषकों की वजह से हवा दमघोटू हो गई है। तीन-चार दिन राहत मिलने की संभावना नहीं है। दिल्ली में दिवाली के एक दिन पहले से वायु गुणवत्ता का स्तर 300 पार यानी बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया था। सोमवार को लगातार 13वें दिन एक्यूआई बेहद खराब श्रेणी में रहा। इस बीच में प्रदूषण के स्तर में थोड़ा उतार-चढ़ाव रहा है, पर कुल मिलाकर हवा दमघोटू बनी हुई है।
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