उज्जैन। जिले के पुलिस महकमे में हैंडराइटिंग एक्सपर्ट नहीं है। नतीजतन, आत्महत्या के लिए प्रेरित करने जैसे मामलों में मृतक को न्याय समय पर नहीं मिल पा रहा हैं। उज्जैन की बात करें तो 10 से ज्यादा मामले ऐसे हैं, जिसमें पुलिस आज भी हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट का इंतजार कर रही हैं।
उल्लेखनीय है कि सरकार एक ओर प्रदेश के सभी जिलों में बेहतर कानून व्यवस्था का दावा कर रही है लेकिन उज्जैन में आज भी हैंडराइटिंग एक्सपर्ट नहीं हैं, इसलिए आत्महत्या से जुड़े मामलों में पुलिस द्वारा मृतक के पास से मिले सुसाइड नोट और अन्य दस्तावेज जाँच पड़ताल के लिए भोपाल भेजे जाते हैं, लेकिन भोपाल से भी जांच रिपोर्ट आने का समय तय नहीं हैं। इस कारण महीनों बीत जाने के बाद भी पुलिस की ओर से प्रताडऩा के आरोपों से घिरे आरोपियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। कई मामले तो ऐसे हैं जिसमें मामले से जुड़े सारे लोगों के बयान के बाद भी पुलिस खुलकर नहीं बता पा रही है कि कार्रवाई क्या होगी। जाहिर है कि पुलिस हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। इसके बाद ही पुलिस संबंधित लोगों के खिलाफ नामजद कार्रवाई तय करेंगे। उदाहरण के तौर पर करीब 17 माह पहले शहर के नीलगंगा थाना क्षेत्र में हाईराइज बिल्डिंग शिवांश एलिगेंस के बी-ब्लॉक के छठे माले से एक 30 वर्षीय महिला नीचे आ गिरी थी। मौके पर से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला था, वहीं बीते मई माह में चिमनगंज थाना क्षेत्र स्थित रतन एवेन्यू कॉलोनी में एक महिला ने अपने दोनों बच्चों के साथ जहर पिया था। इस मामले में भी पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला था जिसमें महिला की मौत भी हो गई हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि ऐसे कई मामले हैं जिसमें उज्जैन पुलिस को सुसाइड नोट मिले हैं लेकिन महीना गुजर जाने के बाद भी उनमें हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट भोपाल से नहीं आई हैं।
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