इन्दौर। कल विधानसभा में एक सवाल के जवाब में उद्योग मंत्री राज्यवर्धनसिंह दत्तीगांव ने उद्योगों को दी गई छूट के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 12 साल में 30 बड़े उद्योग बंद हुए, जिससे 12 हजार लोग बेरोजगार हो गए। इसको लेकर विधायक जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि सरकार गरीब का जरा-भी बकाया होने पर उसकी बिजली काट देती है या वसूली के लिए कुर्की जैसी कार्रवाई कर देती है और उद्योगपतियों को बकाया पर सब्सिडी और छूट तक दे देती है।
पटवारी ने पूछा था कि 2010 से 2022 तक प्रदेश में कितने उद्योग बंद हुए? इसके जवाब में दत्तीगांव ने बताया कि 30 बड़े उद्योग बंद हुए हैं। पटवारी ने कहा कि ये बड़े उद्योग वे हैं, जिनका निवेश 100 करोड़ से लेकर 5 हजार करोड़ तक का होता है। इन उद्योगों के बंद होने के कारण 14 हजार लोग बेरोजगार भी हुए हैं, वहीं इसी प्रश्न की जानकारी में उन्होंने उद्योगों को मिलने वाली छूट के बारे में भी जानकारी चाही थी, जिस पर बताया गया कि 2022-23 में 21 उद्योगों को वेट और स्टेट जीएसटी में 1 वर्ष में 336 करोड़ रुपए की टैक्स माफी दी गई है।
इसके साथ ही इसी वित्तीय सत्र में अब तक कपड़े बनाने वाले 13 बड़े उद्योगों के लोन के ब्याज में 92 करोड़ रुपए की राशि सरकार ने माफ कराई है। इसी के साथ ही 43 बड़े उद्योगों को सब्सिडी के तौर पर 432 करोड़ रुपए भी दिए गए तो 3 बड़े उद्योगों को एसटीपी व ईटीपी की प्रतिपूर्ति हेतु 2.39 करोड़ दिए हैं, वहीं सागर मैन्यूफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी को करीब 98 लाख रुपए उद्योगों में प्रशिक्षण के नाम पर दिए गए। पटवारी ने आरोप लगाया कि बिजली बिल माफी में भी 31 करोड़ रुपए की छूट उद्योगों को दी गई, लेकिन गरीबों का बिजली बकाया होने पर उनके यहां कुर्की तक कर दी जाती है और उद्योगपतियों को बिल नहीं भरने पर उन्हें छूट और सब्सिडी दी जाती है।
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