इंदौर। शहर में पुलिस कमिश्नरी (Police Commissionerate) लागू हो चुकी है और नया साल भी शुरू हो गया है, लेकिन वाहन चोरी पर इसका कोई असर नहीं देखने को मिल रहा है। एक बार फिर एक ही दिन में शहर से 17 गाडिय़ां चोरी हो गईं।
पिछले कुछ सालों में शहर में पुलिस के लिए वाहन चोरी पर अंकुश लगाना एक बड़ी चुनौती बन गया है। नए साल और पुलिस कमिश्नरी लागू होने का भी चोरों पर कोई असर नहीं दिख रहा है। कल शहर के 13 थानों राजेंद्रनगर (Rajendranagar), अन्नपूर्णा (Annapurna), भंवरकुआं (Bhanwar Kuan), बाणगंगा (banganga), हीरानगर (Hiranagar), परदेशीपुरा (Pardeshipura), खजराना (Khajrana), लसूडिय़ा (Lasudia), विजयनगर (Vijayanagar), छोटी ग्वालटोली (Little Gwaltoli), पलासिया (Palasia), तुकोगंज और एमजी रोड (Tukoganj and MG Road) थाना क्षेत्र से 17 गाडिय़ां चोरी हो गईं। इनमें भी 10 थाने पूर्वी क्षेत्र के हैं। गत वर्षो में भी पूर्वी क्षेत्र के थानों में ही सबसे अधिक वाहन चोरी हुई थी। पहले शहर में एक दिन में सात-आठ गाडिय़ां चोरी होती थीं। यह आंकड़ा कुछ सालों में दस से ऊपर चला गया है।
पिछले साल 3800 गाडिय़ां चोरी हुईं
शहर में वाहन चोरी किस तेजी से बढ़ रही है इसका उदाहरण है पिछले साल का पुलिस रिकॉर्ड (police records)। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार पिछले साल शहर में 3800 गाडिय़ां चोरी हुईं। इस हिसाब से हर माह 316 गाडिय़ां चोरी हुईं। पुलिस के लाख प्रयास के बाद भी इस पर अंकुश नहीं लग सका और यह सिलसिला नए साल में भी जारी है। इनमें से दस प्रतिशत गाडिय़ां ही बरामद कर सकी है।
रिकॉर्ड सुधारने का चक्कर तो नहीं
पुलिस सूत्रों का कहना है कि साल का रिकॉर्ड खराब न हो इसके लिए आमतौर पर पुलिस (police) साल के आखिरी माह में वाहन चोरी की रिपोर्ट नहीं लिखती। आवेदन ले लिया जाता है और नए साल में उसकी रिपोर्ट (Report) दर्ज होती है। हो सकता है कि इसके चलते ही नए साल में आंकड़ा बढ़ रहा हो।
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