• img-fluid

    सिटी बसों की रफ्तार पर लगाम नहीं, वाहन दौड़ाते नाबालिगों पर भी कार्रवाई नहीं

  • April 03, 2024

    • समझाइश और ट्रेनिंग के बाद भी सिटी बसों पर कोई असर नहीं…

    इंदौर। सिटी बस प्रबंधन, यातायात पुलिस और आरटीओ कितने ही दावे कर ले कि हम हर महीने शहर के सिटी बस के चालकों, परिचालकों और सुपरवाइरों को वाहन सावधानीपूर्वक चलाने और व्यवहार सही करने की ट्रेनिंग देते हैं, लेकिन ये दावे उस वक्त फेल हो जाते हैं, जब सडक़ों पर ये बसें एक-दूसरे से रेस लगाती तेज रफ्तार दौड़ती या सवारियों के लिए एकाएक बीच सडक़ पर ब्रेक लगाती नजर आ जाती हंै।

    कल खंडवा रोड डीएवीवी के बाहर हुए हादसे के बाद एक बार फिर सिटी बसों की तेज रफ्तार और इन पर कोई कार्रवाई नहीं होने को लेकर बहस छिड़ गई है। कई सोशल मीडिया ग्रुप पर सिटी बसों की मनमानी को लेकर बातें कही जा रही हैं। ये बसें शहर के हर हिस्से में तेज रफ्तार दौडऩे के साथ ही रेड लाइट का उल्लंघन तो करती ही हैं, सवारियों को बैठाने-उतारने के लिए कहीं भी बीच सडक़ पर ब्रेक लगा देती हैं, जिससे कई बार पीछे आ रहे वाहन या तो इस बसों से टकरा जाते हैं या घबराकर जल्दबाजी में लगाए ब्रेक से अपना संतुलन बिगाड़ लेते हैं। कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां सवारियों के लिए ये बसें एक-दूसरे से रेस लगाती भी नजर आती हैं। पीक ऑवर्स में हालात और खराब होते है, क्योंकि बसों में भीड़ बढ़ जाती है और कई लोग गेट पर लटककर तक सफर करते हैं। ऐसे में तेज रफ्तार से दौड़ती ये बसें हादसे का कारण बनती हैं।


    पहले मंगवाए जाते थे तेज रफ्तार वाहनों के वीडियो
    शहर में डीसीपी ट्रैफिक रहे महेशचंद जैन ने आम नागरिकों के लिए एक नंबर जारी करते हुए शहर में तेज रफ्तार से दौडऩे वाले वाहन, जिनमें सिटी बसें भी शामिल थीं, मंगवाना शुरू किया था। लोगों ने इस नंबर पर खूब वीडियो भेजे थे, जिस आधार पर कार्रवाई भी होती थी, लेकिन अब इन तेज रफ्तार दौडऩे वालों सिटी बसों और अन्य वाहनों पर कोई कंट्रोल नहीं है। जैन खुद भी अगर राउंड के दौरान कोई तेज रफ्तार दौड़ती बस या अन्य वाहन को देखते थे, तो वायरलेस सेट पर सूचना कर तुरंत उस पर कार्रवाई करवाते थे।

    यलो बॉक्स में भी खड़ी नहीं रहतीं बसें
    इन्हीं बसों के सुव्यवस्थित संचालन के लिए जनवरी में एआईसीटीएसएल के साथ मिलकर यातायात पुलिस ने शहरभर में जगह-जगह यलो बॉक्स बनवाए थे, जिसमें ही सिटी बसों को खड़े रहना था। बॉक्स के बनने के बाद ये भी कहा गया था कि अगर इस नियम का पालन नहीं हुआ, तो यातायात पुलिस चालानी कार्रवाई करेगी, लेकिन दो दिन तक नियम का पालन किया गया और उसके बाद सिटी बसों का वही ढर्रा फिर शुरू हो गया। सिटी बसों को छोडक़र अन्य वाहन इन बॉक्स में खड़े नजर आते हंै, लेकिन यातायात पुलिस कोई कार्रवाई इन पर नहीं कर रही है।

    नाबालिग भी दौड़ा रहे बेधडक़ वाहन
    शहर में केवल यही नहीं, कई नाबालिग भी बेधडक़ वाहन दौड़ा रहे हैं। इसमें दोपहिया सबसे ज्यादा शामिल हैं। शहर के हर क्षेत्र में नाबालिग इसे चलाते नजर आ जाएंगे। इसमें अब कई के पास ई-वाहन है। कई इन ई-वाहनों पर सामान लादे शहर के कई इलाकों में पहुंचाते नजर आ रहे हैं। इन पर भी यातायात पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती। स्कूल शुरू होते ही जरूर यातायात पुलिस को इसकी याद आ जाएगी, लेकिन फिर सालभर इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। कई अधिकारी दबे स्वरों में ये जरूर कहते नजर आते हैं कि हम भी मजबूर हैं कि बिना कहे कार्रवाई कर नहीं सकते और अगर करते भी हैं तो कई पालक शहर के नेताओं से बात करवा देते हैं।

    Share:

    निजी स्कूलों की तर्ज पर इंदौर के 40 सरकारी स्कूलों में नर्सरी

    Wed Apr 3 , 2024
    नया सत्र नई व्यवस्था, प्री-प्राइमरी और प्राइमरी कक्षाएं लगेंगी इंदौर।   शिक्षा (Education) के क्षेत्र में नवाचार और नई व्यवस्थाओं ( new system) का लगातार क्रियान्वयन हो रहा है। निजी स्कूलों (private schools) की तर्ज पर अब सरकारी स्कूलों में भी नर्सरी और प्राइमरी की दो कक्षाएं इस सत्र से इंदौर जिले में शुरू की जा […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शुक्रवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved