डेस्क: एशिया (Asia) के दूसरे सबसे अमीर कारोबारी गौतम अडानी (Gautam Adani) और उनकी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी (Green Energy) की ओर से अमेरिकी (America) रिश्वतखोरी मामले (Bribery Cases) में बड़ा बयान सामने आया है. अडानी ग्रीन एनर्जी ने बुधवार को शेयर बाजार की फाइलिंग्स में कहा है कि उन पर लगाए गए रिश्वत के आरोप की खबरें गलत और निराधार हैं. डनहोंने कहा कि अमेरिकी फेडरल करप्शन प्रैक्टिस एक्ट (Federal Corruption Practices Act) के तहत लगाए जाने की न्यूज पूरी तरह से गलत है.
ग्रुप की ओर से क्लैरिफाई किया गया है कि गौतम अडानी सागर अडानी और विनीत जैन पर यूएस डीओजे प्रोसिक्यूशन या फिर या यूएस एसईसी की शिकायत में अमेरिकी फेडरल करप्शन प्रैक्टिस एक्ट के उल्लंघन का कोई मामला नहीं है. वहीं दूसरी ओर सीनियर लॉयर मुकूल रोहतगी भी अडानी की पक्ष में आए और उन्होंने इस बारे में रौशनी डाली. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर अडानी ग्रुप की ओर से क्या कहा गया है.
अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन ने अपनी एक्सचेंज फाइलिंग में जानकारी देते हुए कहा कि गौतम अडानी, सागर अडानी या विनीत जैन पर कोई रिश्वत का आरोप नहीं है. कंपनी ने अपनी फाइलिंग में कहा है कि अमेरिकी न्याय विभाग के प्रोसिक्यूशन में सिर्फ Azure और CDPQ ऑफिशियल पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है. कंपनी की ओर से कहा गया है कि अडानी ग्रुप की कंपनी और उसके अधिकारियों पर जो रिश्वत और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, वो खबरें पूरी तरह से गलत हैं.
वास्तव में न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट ने सुनवाई के दौरान गौतम अडानी की कंपनी पर अमेरिकी निवेशकों फ्रॉड करने और सोलर एनर्जी कॉन्ट्रेक्ट हासिल के लिए भारत के अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोप लगा हैं. फेडरल कोर्ट की ओर से लगाए आरोपों में कहा गया है कि 2020 से 2024 के बीच सोलर प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए गलत रूट से भारतीय अधिकारियों 265 मिलियन डॉलर को रिश्वत दी गई.
कोर्ट की ओर से ये भी आरोप नगाया गया है कि रिश्वत की बात को अमेरिकी कंपनी एज्योर पावर ग्लोबल से छुपाई गई. खास बात तो ये है कि इस कॉन्ट्रेक्ट से 20 साल में करीब 17 हजार करोड़ रुपए के मुनाफे का अनुमान लगाया गया था. इसी का फायदा उठाने के लिए झूठे दावों के बॉन्ड और लोन लिया गया. जिसके बाद अडानी ग्रुप ने इन तमाम आरोपों को गलत बताया था.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved