• img-fluid

    सेना में पहले ही गोरखा जवानों की कमी, ‘अग्निपथ’ बढ़ा सकती है उनकी चुनौती

  • July 05, 2022

    नई दिल्ली। सेना की ताकत में इजाफा करने वाले गोरखाओं की भर्ती (Gorkhas Recruitment) हालांकि अग्निपथ योजना (Agneepath scheme) में भी पहले की भांति जारी रखेगी। लेकिन, सेना पर्याप्त गोरखा अग्निवीर जवान (Gorkha Agniveer Jawan) मिलने को लेकर आश्वस्त नहीं है। इसकी वजह यह है कि पुरानी भर्ती प्रक्रिया में भी गोरखाओं की भर्ती में कमी आने लगी थी।

    सेना में अग्निवीरों की भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसमें भारतीय मूल के साथ नेपाली गोरखा भी आवेदन कर सकते हैं। पूर्व की भांति नेपाली गोरखाओं के लिए मौके रखे गए हैं। लेकिन, संशय इस बात को लेकर है कि क्या नेपाली गोरखा चार साल की सेवा को सेना में आएंगे।


    जबकि पूर्व में जब नियमित भर्ती होती थी, तब भी गोरखा आवेदकों की संख्या में कमी आने लगी थी। इसकी वजह नेपाल में भारतीय विरोधी वातावरण पैदा किया जाना, गोरखाओं के परंपरागत सुरक्षा कार्य को छोड़ अन्य पेशे में जाना मानी गई। ऐसे में नई योजना अग्निपथ इस चुनौती को बढ़ा सकती है।

    सेना में सात रेजिमेंट और 39 बटालियन हैं
    बता दें कि भारतीय सेना में गोरखाओं की सात रेजिमेंट तथा 39 बटालियन हैं। छह रेजिमेंट आजादी के पहले से ही चली आ रही हैं। इनमें करीब 32 हजार गोरखा जवान कार्यरत हैं। आकलन है कि 75 फीसदी गोरखा नेपाली मूल के, जबकि शेष भारतीय हैं।

    2015 के बाद नई गोरखा बटालियन नहीं बनाई
    सेना ने 2015 के बाद कोई नई गोरखा बटालियन तो नहीं बनाई। जो नई भर्ती होती रहती थी, उसमें यह देखा गया था कि गोरखा उम्मीदवार घट रहे हैं। सेना से जुड़े सूत्रों ने कहा कि अग्निवीर के रूप में भर्ती होने के लिए गोरखाओं का उत्साह कैसा रहता है, यह अगले कुछ दिनों में पता चल पाएगा।

    उदासीनता की कई वजहें
    सूत्रों ने कहा कि उच्च शिक्षित गोरखा अब सुरक्षा के बजाय दूसरे कार्यों में जा रहे हैं। ब्रिटेन और कुछ अन्य देशों की सेनाओं के अलावा सिंगापुर पुलिस में उनके लिए मौके हैं। कई देशों की सुरक्षा एजेंसियों में गोरखाओं की भर्ती शानदार वेतन पर होती है। बहुत सारे विकल्प होने के कारण गोरखा सेना के अत्यधिक कठिन कार्य को उच्च प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं।

    सबसे खतरनाक सैनिक
    गोरखा जवानों को सेना का सबसे खतरनाक सैनिक माना जाता है, जो युद्ध के दौरान मरने से नहीं डरते और दुश्मन का बर्बरतापूर्ण तरीके से अंत कर देते हैं। सेना द्वारा दिए जाने वाले हथियारों के साथ-साथ वे हमेशा अपने साथ एक खुखरी भी रखते हैं। ब्रिटेन की सेना में भी गोरखा सर्वाधिक बहादुर जवानों में गिने जाते हैं।

    Share:

    मूसेवाला हत्याकांडः खुलेआम घूमे, फरारी में मनाया जश्न, बेखौफ हत्यारों ने 35 दिनों में बदले 35 ठिकाने

    Tue Jul 5 , 2022
    नई दिल्ली। सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड (Sidhu Musewala murder case) में गिरफ्तार अंकित सिरसा और उसकी गैंग (Ankit Sirsa and his gang) के लोग वारदात को अंजाम देने के बाद सात राज्यों (seven State) में छिपकर रह रहे थे। दिल्ली पुलिस (Delhi Police ) के स्पेशल कमिश्नर एचजीएस धालीवाल (Special Commissioner HGS Dhaliwal) ने बताया कि […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शनिवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved