लखनऊ: समान नागरिक संहिता (uniform civil code) को लेकर यूपी (UP) में भी सुगबुगाहट तेज हो गई है. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) राज्य विधि आयोग (State Law Commission) ने पहले ही समान नागरिक संहिता लागू करने पर सैद्धांतिक सहमति दे दी थी. आयोग ने कहा था कि क्रिमिनल लॉ (आपराधिक कानून) की तरह राज्य में समान नागरिक संहिता को ऐसे लागू करें कि सभी धर्म में स्वीकार हो.
अब एक बार फिर उत्तराखण्ड औऱ समूचे देश में इस मुद्दे पर माहौल बनने पर यूपी विधि आयोग (UP Law Commission) में भी इसको लेकर गतिविधियों में तेजी आयी है. माना जा रहा है यूपी विधि आयोग नए सिरे से अपनी सिफारिशें जल्द ही योगी सरकार को सौंप सकती है.
उत्तराखंड में लागू होने वाला है यूसीसी
इससे पहले बीजेपी शासित एक और राज्य उत्तराखंड में कॉमन सिविल कोड पर बात काफी आगे बढ़ चुकी है. उत्तराखंड ने यूसीसी पर एक विशेष समिति का गठन किया था, जिसने राज्य में लाखों लोगों से राय मशविरा करके इस संबंध में अपनी रिपोर्ट भी राज्य सरकार को सौंप दी. उत्तराखंड विधानसभा में बिल पारित होते ही राज्य में यह कानून लागू हो जाएगा.
क्या है समान नागरिक सहिंता?
बीते महीनों में लॉ कमीशन ने एक विज्ञप्ति जारी करके देश भर के लोगों से समान नागरिक सहिंता पर अपनी राय जाहिर करने को कहा था. समान नागरिक सहिंता का मतलब है पूरे भारत में सभी धर्मों के नागरिकों के लिए समान नागरिक अधिकार लागू कर दिए जाएंगे.
समान नागरिक सहिंता को लागू करने के लिए पीएम मोदी भी अपना स्पष्ट बयान दे चुके हैं. उन्होंने बीते दिनों भोपाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि एक घर दो कानूनों से नहीं चल सकता है, ठीक वैसे ही एक देश में दो कानून नहीं लागू किए जा सकते हैं. उन्होंने कहा, इस देश में लोगों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए ये बेहद जरूरी है कि देश में समान नागरिक कानून लागू कर दिए जाएं.
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