इंदौर। आम जनता तो वैक्सीन के लिए भटक ही रही है, वहीं हेल्थ वर्करों को भी दूसरा डोज नहीं मिल पा रहा है। 10 हजार से अधिक हेथ वर्कर और फ्रंट लाइन वर्कर अभी दूसरा डोज लगाने से बचे हैं। टीके का टोटा कायम है और इस हफ्ते भी गिनती के ही डोज लग सके। अब कल शनिवार को भी वैक्सीनेशन ठप रहेगा और अगर एक-दो दिन में शासन से वैक्सीन मिली तो ही अगले हफ्ते वैक्सीन लग सकेगी। इसके चलते इंदौर जो तेजी से वैक्सीनेशन कर रहा था उसमें पिछड़ भी गया।
जुलाई के इस पूरे माह में ही टीके का टोटा रहेगा, क्योंकि ना तो केन्द्र और ना राज्य शासन के पास पर्याप्त वैक्सीन के डोज हैं, क्योंकि कम्पनियों ने भी कम संख्या में वैक्सीन उपलब्ध करवाए हैं। इधर सरकार भी बार-बार वैक्सीन उपलब्धता को लेकर अपने आंकड़े बदलती रही है। इंदौर में जिस गति से वैक्सीनेशन शुरू हुआ था उससे तो 15-20 दिन पहले ही शत-प्रतिशत आबादी को डोज लगा दिए जाते। मगर अब स्थिति यह है कि पहला डोज तो लोगों को लग ही नहीं रहा है, वहीं दूसरे डोज की मारामारी बढ़ गई। दरअसल कोवैक्सीन का दूसरा डोज 28 दिन बाद ही लग जाता है। उसकी उपलब्धता भी नहीं है और सबसे अधिक जो कोविशिल्ड लगाई गई उसके भी 84 दिन अब जिन लोगों ने अप्रैल के महीने में लगाई उनके पूरे हो गए हैं और वे दूसरे डोज की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं। स्थिति यह है कि हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्करों को भी दूसरा डोज नहीं लग पा रहा है और 10 हजार से अधिक दूसरा डोज लगवाने की कतार में खड़े हैं। दरअसल, 16 जनवरी से देश में वैक्सीनेशन शुरू किया गया और सबसे पहले हेल्थ केयर वर्कर, फिर उसके बाद फ्रंट लाइन वर्करों को वैक्सीन लगाई गई। हालांकि उस दौरान इन दोनों वर्ग के सभी लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई, क्योंकि झिझक कायम थी। उसके बाद जब दूसरी लहर ने कोहराम मचाया और बड़ी संख्या में मौतें हुईं, तब जनता से लेकर अन्य वर्ग के लोगों को वैक्सीन की विशेषता समझ में आई और फिर सभी वैक्सीनेशन के लिए दौड़ पड़े। इंदौर ने तो सबसे अधिक 24 घंटे में वैक्सीन लगवाने का रिकार्ड बनाया, मगर एक पखवाड़े से अभियान ठप-सा पड़ा है। अभी 14 जुलाई को 167 सेंटरों पर 47 हजार 651 लोगों को वैक्सीन लगाई गई। इसमें 18 से 44 साल के 18125 को पहला और 2823 लोगों को दूसरा डोज दिया गया। इसी तरह 45 से 60 साल की उम्र के 5351 को पहला और 8586 को दूसरा डोज लगाया गया। 60 साल से अधिक उम्र के 1979 को पहला और 3296 को दूसरा डोज दिया गया। जिला टीकाकरण के नोडल अधिकारी डॉ. तरुण गुप्ता के मुताबिक अभी तो वैक्सीन की उपलब्धता नहीं है, जिसके चलते कल शनिवार को वैक्सीनेशन नहीं हो सकेगा और वैक्सीन मिलने पर अगले हफ्ते सोमवार या मंगलवार को वैक्सीन लग सकेगी।
टीकाकरण के लिए भटक रही जनता, यह प्रदेश सरकार की नाकामी : बाकलीवाल
कोविड टीकाकरण के लिए प्रदेश और शहर की परेशान जनता दर-दर भटकने के लिए मजबूर हो रही है। यह प्रदेश सरकार का कुप्रबंधन नहीं तो क्या है। केन्द्रीय मंत्री द्वारा अपनी ही सरकार की पोल खोलने वाले इस बयान पर शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने कहा कि कोविड टीकाकरण को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है। प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान पूरे विश्व में इन्दौर व प्रदेश को टीकाकरण के मामले में नं. 1 पर बताने के दावे कर रहे हैं, किंतु सत्य इसके विपरीत है। टीकाकरण के लिए लोग एक केंद्र से दूसरे केंद्र पर भटक रहे हैं। घंटों लाइन लगाकर भरी गर्मी में खड़े रहते हैं, फिर भी उन्हें वैक्सीन नहीं लग पा रही है। केंद्रों पर भारी भीड़ जमा हो जाती है और वैक्सीन का ठिकाना नहीं रहता है। यह सब प्रदेश के मुखिया की झूठी घोषणाओं का ही नतीजा है।
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