विदिशा: एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को लेकर मध्य प्रदेश में बवाल मचा हुआ है. इसकी वजह है उनका विदिशा के पूर्व कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य का समर्थन करना. दरअसल, आईएएस वैद्य ने हाल ही में हिंदूवादी संगठनों की मांग को खारिज किया था. संगठनों ने उनसे मांग की थी कि उन्हें बीजामंडल के सूर्य विजय मंदिर में पूजा की अनुमति दी जाए. चूंकि, एएसआई ने इस स्थल को कागजातों में मस्जिद बताया है. इसलिए कलेक्टर वैद्य ने हिंदू संगठनो की मांग को खारिज कर दिया था. उसके बाद उनका ट्रांसफर हो गया था. इस मसले को लेकर हिंदूवादी संगठनों ने ओवैसी का पुतला भी फूंका.
गौरतलब है कि यह मामला 9 अगस्त यानी नागपंचमी से एक दिन पहले उछला था. हिंदू संगठनों ने उस वक्त जिला प्रशासन से मांग की थी कि नागपंचमी पर सूर्य विजय मंदिर का ताला खोला जाए. हिदुओं को यहां पूजा की अनुमति दी जाए. इसके लिए लिए हिंदू संगठनों और नागरिकों ने विदिशा कलेक्टर के साथ-साथ प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया था. लेकिन, कलेक्टर ने इसका ताला खोलकर अंदर पूजा करने की अनुमति नहीं दी. इसके बाद हिंदू संगठन उनसे नाराज हो गए.
बता दें, यह मंदिर फिलहाल एएसआई के अधीन है. हिंदू यहां साल में सिर्फ एक बार नाग पंचमी पर पूजा कर सकते हैं. इस पूजा के दौरान भी मंदिर पर ताला लगा रहता है. इस पर असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा, मध्य प्रदेश में आरएसएस लोगों की मांग की थी कि उन्हें मस्जिद में पूजा करने की अनुमति दी जानी चाहिए. कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य ने इसके लिए मना कर दिया. क्योंकि, एएसआई गजट में इस जगह को मस्जिद बताया गया है. इसलिए कलेक्टर ने अनुमति देने से इनकार कर दिया. कलेक्टर का तबादला भी कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने कानून का पालन किया.
इसके बाद हिंदू संगठनों ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का पुतला फूंका. हिंदू संगठनों का कहना है कि यह देश के चुनिंदा बड़े मंदिरों में शामिल था. इस मंदिर को मुस्लिम आताताइयों ने कई बार नष्ट किया. मंदिर में बंद ताले पर स्वास्तिक बनाकर बाहर ही पूजा करा दी जाती है. हिंदू संगठनों का कहना है कि 2500 साल पुराने मंदिर पर 70 सालों से ताला क्यों लगा हुआ है. 1682 में औरंगजेब ने इस बीजा मंडल (मंदिर) को तोपों से उड़ाया था.
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