नई दिल्ली (New Delhi)। घरेलू शेयर बाजार (Domestic stock market.) में साल 2023 के दौरान आई तेजी (year 2023 is expected to rise) का असर निवेशकों की संख्या में बढ़ोतरी (Increase in the number of investors.) के रूप में भी नजर आ रहा है। दिसंबर 2023 (December 2023) में कुल 41.78 लाख डीमैट अकाउंट खोले (41.78 lakh demat accounts opened) गए। ये संख्या अभी तक किसी भी महीने में खुले डीमैट अकाउंट के मामले में सबसे अधिक है। डीमैट अकाउंट का उपयोग शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए किया जाता है।
सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विस लिमिटेड,(सीएसडीएल) और नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) से मिले आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर महीने में खुले नए डीमैट अकाउंट्स के बाद देश में कुल डीमैट अकाउंट्स की संख्या 13.93 करोड़ से अधिक हो गई है। दिसंबर से पहले नवंबर के महीने में 27.81 लाख डीमैट अकाउंट खोले गए थे। वहीं दिसंबर 2022 में कुल 21 लाख डीमैट अकाउंट की ओपनिंग हुई थी।
जानकारों का कहना है कि इस साल शेयर बाजार में आई तेजी का असर आम लोगों पर भी काफी तेजी से पड़ रहा है। इसकी वजह से ज्यादा से ज्यादा लोग शेयर बाजार में निवेश करके पैसा कमाने की कोशिश कर रहे हैं। 2022 के आखिरी कारोबारी दिन 30 दिसंबर को सेंसेक्स 60,840.74 अंक के स्तर पर बंद हुआ था, वहीं निफ्टी ने 18,105.30 अंक के स्तर पर 2022 के कारोबार का अंत किया था। जबकि 2023 के आखिरी कारोबारी दिन 29 दिसंबर को सेंसेक्स 72,240.26 अंक के स्तर पर और निफ्टी 21,731.40 अंक के स्तर पर बंद हुआ। इस तरह 1 साल की अवधि में सेंसेक्स 11,399.52 अंक उछल गया। वहीं निफ्टी इस अवधि में 3,626.10 अंक चढ़ गया।
धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी के मुताबिक देश की आर्थिक प्रगति, बाजार के सकारात्मक रुझान, कंपनियों की मजबूत होती स्थिति और हाल में हुए राज्य विधानसभा चुनाव के परिणाम से लोगों के मन में देश की अर्थव्यवस्था की गति को लेकर निश्चिंतता का भाव बना है। यही वजह है कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी शेयर बाजार में पैसा लगा रहे हैं, जो अभी तक स्टॉक ट्रेडिंग से दूर रहते थे। इसी कारण नए डीमैट अकाउंट खुलने में भी तेजी आई है।
बताया जा रहा है कि वैश्विक स्तर पर महंगाई की दर में आई कमी का असर भी अब बाजार में दिखने लगा है। इसके साथ ही अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने इस बात का संकेत भी दिया है कि 2024 में ब्याज दरों में कटौती की जा सकती है। इससे बड़े निवेशकों के बीच बने घबराहट के माहौल में भी कमी आई है। माना जा रहा है कि साल 2024 में यदा-कदा होने वाली मुनाफावसूली के अलावा आमतौर पर अर्थव्यवस्था की गति तेज बनी रहने वाली है। यही वजह है कि जहां शेयर बाजार एक ओर तो तेजी से आगे बढ़ रहा है, वहीं आम लोगों का भी शेयर बाजार की ओर रुझान बढ़ा है।
हालांकि स्टॉक मार्केट के जानकारों का कहना है कि शेयर बाजार निवेश के सबसे संवेदनशील क्षेत्र में से एक है। यहां एक खबर से ही कोई शेयर रॉकेट की रफ्तार पकड़ सकता है, तो वहीं एक खबर से ही ऊंचाई पर पहुंचा हुआ शेयर भी धड़ाम से फर्श तक आ सकता है। इसलिए नए और छोटे निवेशकों को काफी संभल कर अपनी निवेश योजना तैयार करनी चाहिए। खासकर, गिरावट के दौरान उन्हें विश्वसनीय कंपनियों और गुणवत्ता वाले शेयरों में निवेश करने पर ध्यान देना चाहिए।
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