नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले करीब साढ़े तीन महीने से चल रहा है। दिल्ली की सीमाओं पर किसान लगातर डटे हैं। सरकार से अब तक हुई बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है। लिहाजा किसानों ने यहां लंबे समय तक डटे रहने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। ऐसे में किसानों ने अब ईंट से मकान बनाने शुरू कर दिए हैं। अब तक ऐसे कई छोटे घर सीमा पर तैयार कर लिए गए हैं। फिलहाल किसान यहां टेंट में रहते हैं।
हरियाणा के टिकरी बॉर्डर पर किसानों को ईंट से घर तैयार करते हुए देखा जा सकता है। ऐसे घर बनाने में करीब 20-25 हज़ार रुपये खर्च हो रहे हैं। किसान इसके लिए सिर्फ समान के पैसे दे रहे हैं, मजदूरी नहीं। समाचर एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए किसान सोशल आर्मी के अनिल मलिक ने बताया कि अब तक 25 घर तैयार कर लिए गए हैं, जबकि इस तरह के करीब एक से दो हज़ार घर और तैयार किए जाएंगे।
Construction of permanent houses started at Delhi borders
A big challenge by farmers for Modi government#PunishAntiFarmerBJP pic.twitter.com/ThIiKaT5Cb— ਬਾਬਾ ਬਚਨਾ (ਅੰਦੋਲਨ ਜੀਵੀ) (@BeingFukray) March 13, 2021
दिल्ली में भयानक गर्मी पड़ती है। फिलहाल किसान ट्रैक्टर और टेंट में रहते हैं, लेकिन किसानों का कहना है फसल कटाई का समय आ गया है। लिहाजा उन्हें अपने ट्रैक्टर गांव भेजने होंगे। ऐसे में ईंट से बने मकान की उन्हें जरूरत है। किसानों को उम्मीद है कि जल्द से जल्द ज्यादा से ज्यादा संख्या में घर तैयार कर लिए जाएंगे।
नए कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली के सिंघु, टीकरी और गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान पिछले साल नवंबर के आखिर से धरना दे रहे हैं। इनमें अधिकतर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान हैं। किसानों ने नये कृषि कानूनों के खिलाफ 26 मार्च को अपने आंदोलन के चार महीने पूरे होने के मौके पर भारत बंद का आह्वान किया है। किसान और ट्रेड यूनियन मिलकर 15 मार्च को पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि और रेलवे के निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। किसान 19 मार्च को ‘मंडी बचाओ-खेती बचाओ’ दिवस मनाएंगे।किसान संघों ने भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव का शहीदी दिवस मनाने का भी फैसला लिया है।
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