संयुक्त राष्ट्र। म्यांमार की सेना द्वारा दी गई चेतावनी पर संयुक्त राष्ट्र और पश्चिमी देशों की सरकारों ने चिंता जताते हुए देश में तख्तापलट की आशंका जताई है। उधर, राष्ट्रीय निर्वाचन आयोग ने सेना द्वारा चुनावों में धोखाधड़ी होने के आरोपों से इन्कार किया है। आठ नवंबर को हुए संसदीय चुनाव में आंग सान सू की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी को शानदार जीत मिली थी। सू की पार्टी ने 476 सीटों में से 396 पर जीत दर्ज की थी जबकि सैन्य समर्थित यूनियन सॉलिडैरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी मात्र 33 सीटें जीत पाई।
घटनाक्रम चिंताजनक
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने कहा कि म्यांमार में चल रहे घटनाक्रम से वह बहुत चिंतित हैं। सेना ने धमकी दी है कि अगर उसकी शिकायतों का निवारण नहीं किया गया तो वह कार्रवाई करेगी। हालांकि सैन्य प्रवक्ता ने मंगलवार को जारी एक बयान में तख्तापलट जैसी संभावना से इन्कार किया था। ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा, यूरोपीय संघ, अमेरिका सहित 12 अन्य राष्ट्रों ने एक अलग बयान में सेना से लोकतांत्रिक मानदंडों का पालन करने का आग्रह किया है।
सरकार और सेना के बीच बातचीत बेनतीजा
उन्होंने कहा कि चुनाव परिणामों को बदलने के किसी भी प्रयास का विरोध किया जाएगा। जब पश्चिमी देशों द्वारा जारी बयान पर सैन्य प्रवक्ता से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। सोमवार से शुरू होने वाले संसदीय सत्र से पहले तनाव को कम करने के लिए सरकार और सेना के बीच बातचीत भी हुई, लेकिन यह किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। सत्तारूढ़ पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि सैन्य समर्थित प्रदर्शनकारी दो शहरों में एकत्रित हैं।
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