जबलपुर। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत ने कहा कि संविधान निर्माता डॉ. भीमराव बाबा साहेब आंबेडकर को पूजने की नहीं बल्कि उनके आदर्शों पर चलने की आवश्यकता है। वे हाईकोर्ट व जिला बार एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में सिल्वर जुबली आदर्श सभागार में आयोजित संयुक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। इस दौरान अन्य न्यायाधीश, काफी संख्या में अधिवक्ता आदि उपस्थित थे। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आंबेडकर ने ज्योतिबाराव फुले को अपना गुरु माना था। महिलाओं की शिक्षा के लिए प्रथम पाठशाला ज्योतिबाराव फुले ने ही खोली थी। भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले थीं। महिलाओं को शिक्षा का अधिकार दिलाने में फुले का महनीय योगदान था, जो आंबेडकर के गुरु थे। यही वजह है कि आंबडेकर ने भी शिक्षा पर विशेष जोर दिया था।
पहली बार संयुक्त आयोजन
हाईकोर्ट बार अध्यक्ष धन्य कुमार जैन, सचिव परितोष त्रिवेदी, जिला बार अध्यक्ष मनीष मिश्रा, सचिव ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि हाईकोर्ट की 1956 में स्थापना के बाद से यह आंबेडकर के सम्मान में यह पहला संयुक्त कार्यक्रम है, जो हाई कोर्ट व जिला बार ने संयुक्त रूप से आयोजित किया है। आंबेडकर की 134 वीं जयंती पर हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल, द्वरिकाधीश बंसल, अवनींद्र कुमार सिंह, मनिंदर भट्टी, प्रमोद कुमार अग्रवाल, देवनारायण सिंह विशिष्ट अतिथि बतौर शामिल रहे। हाईकोर्ट बार के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित जैन, उपाध्यक्ष प्रशांत अवस्थी, कार्यकारणी में राजेन्द्र प्रताप सिह, रविन्द्र प्रताप, रजनीश उपाध्याय ने व्यवस्था बनाई। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक अवस्थी, एमपी स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन राधेलाल गुप्ता, डिप्टी सालिसिटर जनरल पुष्पेंद्र यादव सदस्य केपी गनगोरे, वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व आदित्य संघी सहित 500 अधिवक्ता व रजिस्ट्री के सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन हाई कोर्ट बार सचिव परितोष त्रिवेदी ने किया।
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