उज्जैन। काल भैरव मंदिर में सबसे अधिक भ्रष्टाचार हो रहा है और चोर रास्ते से लोगों को घुसाया जा रहा है। नगद राशि और दारू की बड़ी बाटल जो देता है उसे इंट्री जल्दी कराई जा रही है। यहाँ प्रशासन का कोई भी व्यक्ति नहीं रहता और न ही पुलिस की व्यवस्था है। ऐसे में हजारों लोग घंटों परेशान होकर किसी तरह दर्शन कर रहे हैं। उज्जैन आने वाला दर्शनार्थी केवल महाकाल मंदिर ही नहीं जाता बल्कि कालभैरव, मंगलनाथ, सांदीपनि आश्रम में भी दर्शन करने पहुँचता है लेकिन प्रशासन का सारा ध्यान महाकाल मंदिर में है।
प्रसिद्ध कालभैरव मंदिर में लगातार श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ रही है और साथ ही अव्यवस्था भी पनप रही है। यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और दर्शन के लिए 3 से 4 घंटे लाईन में लगना पड़ रहा है। इस वजह से महिला और बच्चों की खासी फजीहत होती है। यहाँ पर प्रशासन की कोई व्यवस्था नजर नहीं आती है। मंदिर में प्रवेश का मात्र एक ही रास्ता होने और लंबी रैलिंग के कारण यह स्थिति दिनभर बनी रहती है। लाईन में लगने के बाद घंटों श्रद्धालु को इंतजार करना पड़ता है और जब वह मंदिर में प्रवेश करता है तो उसे बाहर से धकेल कर चलता कर दिया है। मंदिर के गर्भगृह में लंबे समय से श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक रखा है और यहां आने वाले श्रद्धालु ठीक ढंग से भगवान के दर्शन भी नहीं कर पा रहे हैं। भगवान को भोग लगाने की व्यवस्था पूरी तरह से बंद कर दी गई है और कुछ गिने-चुने लोगों का भोग ही कालभैरव को लग पा रहा है। प्रशासनिक व्यवस्था ढीली होने के कारण यहाँ पर पंडे-पुजारियों का कब्जा जमा हुआ है और उनके एजेंट ही श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश करवाते हैं, आम श्रद्धालुओं को केवल मंदिर के गेट तक पहुँचने के बाद हटा दिया जाता है। मंदिर की व्यवस्थाओं में सुधार की कोई व्यवस्था प्रशासन द्वारा नहीं की जा रही है और इसका खामियाजा बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को भुगतना पड़ रहा है। मंदिर पहुँचने के बाद श्रद्धालुओं के साथ लूटपाट शुरू हो जाती है और वाहन पार्क करने से लेकर फूल प्रसादी के दाम मनमाने वसूले जाते हैं। यदि कोई श्रद्धालु इसका विरोध करता है तो दुकानदार उसके साथ दादागिरी करने पर उतारू हो जाते हैं। मंदिर के बाहर के क्षेत्र में फूल प्रसादी वालों ने कब्जा जमा रखा है और देखने वाला कोई नहीं है। सबसे बड़ी समस्या मंदिर में प्रवेश की है मंदिर क्षेत्र में इतनी रैलिंग लगा दी गई है कि श्रद्धालु लाईन में लगकर चक्कर लगाते रहते हैं और इस चक्करबाजी में तीन घंटे से अधिक का समय लग जाता है। ऐसे में बच्चे और महिलाएँ बुरी तरह से परेशान होते रहते हैं। प्रशासन केवल महाकालेश्वर मंदिर में व्यवस्था जुटाने पर ध्यान दे रहा है, बाकी के अन्य मंदिरों की हालत बिगड़ी हुई है और यहां पर प्रशासन का कोई हस्तक्षेप भी नजर नहीं आ रहा है।
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