नई दिल्ली: वर्ल्ड कप का फीवर हर किसी के सिर चढ़कर बोल रहा है. खासकर भारत ने जबसे पाकिस्तान को हराया है. हर भारतीय उम्मीद कर रहा है कि भारत ही ये वर्ल्ड कप जीते. इसी बीच वर्ल्ड कप के मैचों में ऑनलाइन सट्टेबाजी का खुलासा हुआ है. ऑनलाइन सट्टेबाजी के इस गोरखधंधे में इंदौर पुलिस को एक शख्स हाथ लगा है. आइए आपको भी बताते हैं कैसे हो रहा है इस पूरे सट्टेबाजी का खेल.
वर्ल्ड कप के जारी मैचों पर ऑनलाइन सट्टेबाजी का खुलासा करते हुए इंदौर में पुलिस ने 40 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार करके उसके पास से करीब 23 लाख रुपये की नकदी और 1.25 किलोग्राम वजनी सोने की सिल्ली जब्त की है. पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अभिनय विश्वकर्मा ने बताया कि पुलिस की अपराध निरोधक शाखा की मदद से चलाई गई संयुक्त छापामार मुहिम के दौरान द्वारकापुरी क्षेत्र से सोमवार रात गिरफ्तार आरोपी की पहचान विशाल मेहता के रूप में हुई है.
अगर पूरे सट्टेबाजी के इस काले खेल को देखेंगे तो आपका दिमाग घूम जाएगा. इंडस्ट्री बॉडी फिक्की के मुताबिक बेटिंग का यह काला खेल 3 लाख करोड़ से ज्यादा का है. जानकारों के मुताबिक जब इस लेवल पर बेटिंग का काला खेल हो रहा है तो इसे लीगल ही कर देना चाहिए. आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका, श्रीलंका, न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज जैसे देशों में क्रिकेट बेटिंग लीगल है. खास बात है यह केवल वेस्टइंडीज को छोड़कर बाकी सभी देश वर्ल्ड कप खेल रहे हैं. ऐसा नहीं है कि भारत में बेटिंग को लेकर प्रसाशन सख्त नहीं है. 2015 के आईपीएल के आठवें सीजन के दौरान अहमदाबाद ब्रांच से ईडी ने 2000 करोड़ के रैकेट का भंडाफोड़ किया था.
ताजा मामले में पुलिस के मुताबिक जिस आरोपी को गिरफ्तार किया गया है वो बहुत ही शातिर तरीके से सट्टेबाजी को अंजाम देता था. यह शख्स ऑनलाइन सट्टेबाजी अपने घर से ही करता है. इसके लिए वह एक व्यक्ति से आईडी और पासवर्ड लेता था. यह व्यक्ति संयुक्त अरब अमीरात के एक मोबाइल नम्बर से वॉट्सऐप के वॉइस कॉल के जरिए मेहता से बात करता था. पुलिस की जांच में पाया गया है कि विश्व कप मैचों पर ऑनलाइन सट्टेबाजी गिरोह बड़े संगठित तरीके से चलाया जा रहा है जिसके तार विदेशों से जुड़े हो सकते हैं. पुलिस को संदेह है कि मेहता के कब्जे से बरामद 1.25 किलोग्राम सोना विदेश से तस्करी के जरिये भारत लाया गया है. अब पुलिस इस मामले की जानकारी डीआरआई और आयकर विभाग को देने जा रही है.
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